पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) ने रविवार को शिवसेना के चुनाव चिन्हं विवाद पर अपना रुख साफ किया है. पवार ने कहा कि वह शिवसेना के मौजूदा समय में चल रहे ‘धनुष और तीर’ के चुनाव निशान के झमेले में नहीं पड़ेंगे. शरद पवार की ये प्रतिक्रिया चुनाव आयोग (Election Commission-EC) के उस आदेश के बाद आई है, जिसमें पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव निशान ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट को देने का फैसला किया गया.
चुनाव आयोग के इस फैसले से उद्धव ठाकरे गुट में भारी गुस्सा है. जबकि शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया. वहीं उद्धव गुट ने कहा है कि वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख करेंगे. शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने ने चुनाव आयोग पर ‘बीजेपी के एजेंट’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया है. Shiv Sena Name and Symbol: संजय राउत का दावा, शिवसेना के नाम और सिंबल के लिए खर्च किए 2 हजार करोड़
शुक्रवार को शरद पवार ने कहा था कि "पुराने चुनाव निशान के नहीं मिलने से कोई बड़ा असर नहीं होने वाला है क्योंकि लोग नए चुनाव निशान को अपना लेंगे." NCP प्रमुख ने ठाकरे गुट को सलाह दी, 'एक बार फैसला हो जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती है. इसे स्वीकार करें, एक नया चुनाव चिह्न लें.
2 हजार करोड़ रुपए की डील
शिवसेना का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम छिनने के बाद बीजेपी और शिंदे गुट पर उद्धव गुट के हमले लगातार जारी हैं. उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की भारी-भरकम डील हुई है. उद्धव गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को पूर्व नियोजित बताया है. उनकी तरफ से कहा गया था कि उन्हें पहले से ही अनुमान था कि EC से इस तरह का फैसला आएगा.