महाराष्ट्र: कुर्सी पर हो रहे सियासत के बीच NCP प्रमुख शरद पवार का बयान, कहा- सिर्फ BJP-शिवसेना ही बना सकते हैं सरकार
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों में चल रही खींचतान के बीच एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए एकमात्र व्यवहार्य विकल्प बीजेपी और शिवसेना है. पवार ने कहा बीजेपी-शिवसेना 25 साल से सहयोगी हैं. उन्हें राज्य को नई सरकार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए.
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों में चल रही खींचतान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए एकमात्र व्यवहार्य विकल्प भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और शिवसेना है. पवार ने कहा, "बीजेपी-शिवसेना 25 साल से सहयोगी हैं. उन्हें राज्य को नई सरकार देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए. जनता ने राकांपा-कांग्रेस को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और हम इसके लिए तैयार हैं."
परोक्ष रूप से शिवसेना के रुख का समर्थन करते हुए पवार ने कहा कि वह राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं. बुधवार को यहां एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि सरकार गठन के मुद्दे पर शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया है. पवार ने दावा किया, "संजय राउत (Sanjay Raut) मुझसे मिले, क्योंकि वह नियमित रूप से मुझसे मिलते हैं. शिवसेना की ओर से कोई प्रस्ताव (सरकार के गठन पर) नहीं है."
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उन्होंने स्वीकार किया कि राउत ने 170 विधायकों की एक सूची दिखाई है, जो शिवसेना का समर्थन कर रहे हैं. मगर इसके साथ ही उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्हें (राउत को) आंकड़े कैसे मिले हैं." एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि वह बीजेपी-शिवसेना के बीच राज्य में सरकार के गठन के प्रयासों में शामिल नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि फिलहाल पहले बीजेपी को सरकार बनाने दें, क्योंकि वर्तमान में लोगों के जनादेश के अनुसार सिर्फ बीजेपी-शिवसेना द्वारा सरकार बनाने का ही विकल्प उपलब्ध है. पवार ने बीजेपी व शिवसेना को राज्य में राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करने और स्थिर सरकार देने के लिए प्रयास करने का आग्रह किया.
पवार के जवाब के पर राउत ने शुरुआती प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी को दोबारा चुनौती देते हुए कहा, "जिनके पास 105 विधायक हैं, उन्हें सरकार बनानी चाहिए." इससे उन्होंने परोक्ष रूप से यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री के पद का मुद्दा सुलझने तक बीजेपी पर शिवसेना का दवाब कायम रहेगा. बीजेपी इस मुद्दे पर कोई समझौता करने को तैयार नहीं है.