मायावती ने कांग्रेस और बीजेपी के खिलाफ भरा दम, कहा- एससी/एसटी कानून पर अदालत के फैसले से खुली दोनों पार्टियों के दलित प्रेम की पोल
बीएसपी अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कानून के सख़्त प्रावधानों को बरकरार रखने के हाई कोर्ट के फैसले से बीजेपी और कांग्रेस के दलित प्रेम की पोल खुल गई है. मायावती ने स्कूली शिक्षा के मामले मे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की निम्न रैंकिंग के लिए भी भाजपा और कांग्रेस की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया.
नई दिल्ली : बीएसपी (BSP) अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न से संरक्षण) कानून के सख़्त प्रावधानों को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से भाजपा और कांग्रेस के ‘दलित प्रेम’ की पोल खुल गयी है. मायावती ने अदालत के मंगलवार के फ़ैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, “माननीय उच्चतम न्यायालय ने एससी/एसटी कानून 1989 के प्रावधानों को पुनः बहाल करते हुए कल अपने फैसले में दलित समाज के जीवन की कड़वी वास्तविकताओं और संघर्षों के संबंध में जो तथ्य सत्यापित किए हैं, वे खासकर सत्ताधरी भाजपा और कांग्रेस के ’दलित प्रेम’ की पोल खोलते हैं.”
दलित एवं जनजाति समुदायों के अधिकारों की रक्षा के विषय पर मायावती ने देश और समाज को जागरुक बनाने की जरूरत पर भी बल दिया. उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने पूर्व आदेश को पलटते हुए दलित एवं जनजाति समुदायों के उत्पीड़न को रोकने के लिए एससी/ एसटी क़ानून के सख़्त प्रावधानों को यथावत बरकरार रखने को कहा है.
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मायावती ने स्कूली शिक्षा के मामले मे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की निम्न रैंकिंग के लिए भी भाजपा और कांग्रेस की ग़लत नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट के हवाले से ट्वीट किया, “नीति आयोग की स्कूली शिक्षा संबंधी रैंकिग के मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड देश में सबसे निचले पायदान पर हैं.”