महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर, सुप्रीम कोर्ट में आज बीजेपी-NCP ऐसे रख सकती है अपना पक्ष
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान पर देश की शीर्ष कोर्ट सोमवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुना सकती है. रविवार को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की शक्ति परीक्षण संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.
मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रहे सियासी घमासान पर देश की शीर्ष कोर्ट (Supreme Court) सोमवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुना सकती है. रविवार को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की शक्ति परीक्षण संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन समाप्त कर फडणवीस की सरकार बनाने की सिफारिश करने वाले राज्यपाल के पत्र को आज पेश करने का आदेश दिया है. जबकि देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और अजित पवार (Ajit Pawar) को भी नोटिस जारी किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यह तर्क देने वाली है कि उसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सही तरीके से आमंत्रित किया गया था, क्योंकि एनसीपी के समर्थन से उसके पास बहुमत हासिल हो गया था. पार्टी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को लिखे अपने पत्र में दावा किया था कि उसे बीजेपी के 105, एनसीपी के 54 और 14 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है. इन सब को मिलाकर कुल संख्या 173 पर पहुंच जा रही है. जबकि सूबे में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों का समर्थन होना जरुरी है. अजित पावर और शरद पवार के बीच ट्विटर पर छिड़ी जंग, तो RSS को लेकर उद्धव ठाकरे ने किया बड़ा दावा, जानें रविवार को महाराष्ट्र की सियासत में क्या कुछ रहा खास
बीजेपी का तर्क है कि एनसीपी के विधायक दल का नेता होने के नाते अजित पवार ने राज्यपाल को एक लिस्ट सौंपी थी जिसमें एनसीपी के 54 विधायकों का उन्हें समर्थन दिखाया गया था. जबकि अजित पवार सुप्रीम कोर्ट को नोटिस के जवाब में कह सकते है कि एनसीपी का विधायक दल का निर्वाचित प्रमुख होने के चलते उनके पास बीजेपी को समर्थन देने का अधिकार है.
इसके उलट एनसीपी ने आरोप लगाया है कि अजित पवार द्वारा राज्यपाल को सौंपी गई लिस्ट गलत है. पार्टी की ओर से कहा गया है की उस सूची पर उनके विधायकों के हस्ताक्षर बीजेपी को समर्थन देने के लिए नहीं थे. अजित पवार ने राज्यपाल को गुमराह किया है. एनसीपी ने राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को समर्थन देने के पक्ष में है. हालांकि एनसीपी ने अब अपने विधायक जयंत पाटिल को विधायक दल का नेता चुना है.
उल्लेखनीय है कि इस सियासी ड्रामे और विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के मद्देनजर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहराया है. बता दें की 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में से बीजेपी ने 105, शिवसेना ने 56, एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती. सूबे में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को बहुमत के लिए कम से कम 145 विधायक चाहिए.