शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, कहा- चुनाव बाद उन्होंने जो शर्तें रखी, वो हमें मंजूर नहीं

शिवसेना के साथ गठबंधन टूटने पर अमित शाह ने कहा कि चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनेंगे, तब किसी को आपत्ति नहीं हुई. अब वह एक नई मांग को लेकर आ गए हैं, जो हमें स्वीकार नहीं है.

अमित शाह (Photo Credits: IANS)

महाराष्ट्र (Maharashtra) के राजनीतिक संकट पर गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (BJP)  के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत की. शिवसेना (Shiv Sena) के साथ गठबंधन टूटने पर अमित शाह ने कहा कि चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और मैंने सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगर हमारा गठबंधन जीतता है तो देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) मुख्यमंत्री बनेंगे, तब किसी को आपत्ति नहीं हुई. अब वह एक नई मांग को लेकर आ गए हैं, जो हमें स्वीकार नहीं है. महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन (President's Rule) लगाए जाने का विरोध कर रही पार्टियों पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि इस पर जो हाय-तौबा मची है, ये जनता की सहानुभूति पाने की एक निर्रथक कोशिश है.

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर अमित शाह ने कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष राजनीति कर रहा है और एक संवैधानिक पद को इस तरह से राजनीति में घसीटना मैं नहीं मानता लोकतंत्र के लिए स्वस्थ परंपरा है. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे ने कहा- गठबंधन BJP ने तोड़ा, हमने नहीं, कांग्रेस-NCP से आगे की बातचीत करेंगे.

अमित शाह ने कहा कि इससे पहले किसी भी राज्य में सरकार गठन के लिए इतना वक्त नहीं दिया गया था. 18 दिन का समय दिया गया. राज्यपाल में सभी पार्टियों को तभी बुलाया जब विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो गया. शिवेसना, कांग्रेस, एनसीपी और न हमने सरकार बनाने का दावा किया. अगर आज भी किसी दल के पास नंबर है तो वो राज्यपाल के पास जा सकता है.

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अमित शाह ने कहा कि सबके पास समय है कोई भी जा सकता है. किसका मौका चाहिए, कैसे मौका चाहिए. मेरी तो समझ में नहीं आता. कपिल सिब्बल जैसे विद्वान वकील इस प्रकार की बचकानी दलीलें देश के सामने रखते हैं कि हमारा मौका छिन गया.

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