भोपाल: ग्रामीण इलाके की महिलाएं अब भी मानती हैं कि एक वोट से क्या होगा. वे इस बात से अनजान हैं कि एक वोट से ही सरकारें बनती और गिरती हैं. लिहाजा महिलाओं में वोट का महत्व बताने के लिए मुंबई से तीन युवतियों का समूह अभियान पर निकला है. यह दल महाराष्ट्र, गोवा होते हुए मध्य प्रदेश पहुंचा है. वोट का महत्व बताने निकलीं इन युवतियों का नारा है, 'वोट कर उंगली दिखा'. इस समूह को भटोपा के नाम से पहचाना जाता है. इस बार इस फ्लाइंग भटोपा का मकसद लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत वोट की ताकत से लोगों को जगाना है. फ्लाइंग भटोपा के इस अभियान का थीम है - 'टाइम्स वूमंस डाइव-2019'.
भटोपा का नामकरण तीनों युवतियों भावना वर्मा, टोना सोजतिया और परिधि भाटी ने अपने नाम के पहले अक्षर को जोड़कर किया है. वोट के लिए यह यात्रा दो मई को मुंबई से शुरू हुई. इन युवतियों ने एक आकर्षक कार बनाई है. इस कार को पूरी तरह मतदान का संदेश देने वाले स्टीकर से सजाया गया है. कार के एक हिस्से में घूंघट वाली महिलाओं के चित्र छपे हैं तो अन्य हिस्सों में उंगली पर लगी स्याही है, जो बताती है कि वोट ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है.
यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव 2019: 90 करोड़ मतदाता करेंगे मतदान: चुनाव आयोग
इस दल का नेतृत्व करने वाली व्यावसायिक छायाकार टोना सोजतिया ने आईएएनएस को बताया कि उन्होंने अपने इस जनजागृति अभियान से चुनाव आयोग को अवगत कराया और वे मुंबई से निकल पड़ी गांव की महिलाओं को जगाने. मुंबई से शुरू हुई इस यात्रा के दौरान गोवा, पुणे, होते हुए यह समूह मध्य प्रदेश पहुंचा. सड़क मार्ग से यात्रा के दौरान जो भी गांव मिलते हैं, वहां की महिलाओं से संवाद कर चुनाव में वोट करने के लिए उन्हें राजी किया जाता है.
टोना बताती हैं कि उनके दल ने जब महिलाओं से वोट करने को कहा, तो कई महिलाओं का जवाब बदलते दौर के बावजूद पुराने दौर की याद दिलाने वाला था. गांव की लगभग हर महिला का यही कहना होता है, "एक वोट से क्या होता है." जब उन्हें सरकारों के बनने और बिगड़ने के किस्से बताए गए तो महिलाओं को लगा कि उनके एक वोट की कीमत है.
'गो वोट' का संदेश देता हुआ यह दल अपनी यात्रा के दौरान अबतक लगभग 10 लोकसभा क्षेत्रों से होकर गुजर चुका है. यात्रा के दौरान दल के सामने महिलाओं ने अपनी समस्याओं का जिक्र भी किया. दल के सदस्यों के अनुसार, हर महिला सिर्फ एक ही बात कहती है, "चुनाव आते हैं नेता घरों के चक्कर लगाते हैं, समस्या के समाधान की बात करते हैं, मगर होता कुछ नहीं. इसलिए वोट करने का मन तक नहीं करता."
टोना के मुताबिक, "ग्रामीण इलाके की महिलाओं को सबसे ज्यादा मलाल इस बात का है कि उनकी समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं होता. इतना ही नहीं वे वोट भी अपने परिवार के सदस्यों की मर्जी से डालती हैं. महिलाओं को यही बताया जा रहा है कि नेताओं पर उंगली उठाने से बेहतर है कि उंगली से ईवीएम का बटन दबाकर अपनी तकदीर संवारो."
फ्लाइंग भटोपा ने बीते साल फिल्म अभिनेत्री श्रीदेवी की याद में पुणे से गोवा तक की रैली निकाली थी. इसके लिए कार को पूरी तरह श्रीदेवी मय कर दिया गया था. पूरी कार श्रीदेवी के फिल्मी पोस्टर्स और उनके किरदार से पटी हुई थी. यह रैली दुष्कर्म के मामलों के प्रति समाज में जागृति लाने और आरोपियों को सख्त व जल्द सजा दिलाने के मकसद से निकाली गई थी. तीनों युवतियां यानी भटोपा हर साल नए मकसद को लेकर अभियान चलाती हैं. इस बार उनका मकसद लोकतंत्र के त्योहार को और प्रभावशाली बनाना है.