लोकसभा चुनाव 2019: लालू यादव का सीएम नीतीश कुमार पर हमला, कहा- गरीब जनता की पीठ पर मारा विश्वासघाती तीर
लालू यादव और नीतीश कुमार (Photo Credits- PTI)

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 6 चरणों में मतदान हो चुके हैं. आखिरी और सातवें चरण के लिए मतदान 19 मई को होना है. सियासी जंग के लिए नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. नेता आक्रामक ढंग से विरोधियों को निशाने पर ले रहे हैं. इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) ने जेल से ही बिहार के सीएम जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधा है. लालू ने कहा कि नीतीश कुमार ने गरीब जनता की पीठ में तीर मारा है.

लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार को छोटा भाई बताते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि नीतीश कुमार को उजालों से नफरत हो गई है इसलिए ही लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हैं. लालू यादव ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के चिन्ह पर भी सवाल करते हुए उसे मार-काट और हिंसा का प्रतीक बताया. लालू यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने गरीब जनता की पीठ में तीर मारा है.

तीर हिंसा का चिन्ह 

लालू यादव ने लिखा हमने लालटेन के प्रकाश से गैरबराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे. तुम्हारा चिह्न तीर तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है. मार-काट व हिंसा का पर्याय और प्रतीक है.'

यह भी पढ़ें- पीएम मोदी के एयरस्ट्राइक वाले बयान पर लालू यादव ने ली चुटकी, ट्विटर पर लिखा 'तेरा ध्यान किधर है, रडार इधर है'

तीर का जमाना गया  

लालू यादव ने कहा कि यह जमाना मिसाइल का है. तीर का जमाना लद गया है. तीर अब संग्रहालय में दिखेगा. लालटेन हर जगह जलता दिखेगा. पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ ग़रीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे है. बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ. तुम्हारी मर्जी.'

जनता को लालटेन की जरूरत

लालू यादव ने लिखा, 'जनता को लालटेन की जरूरत हर परिस्थिति में होती है. प्रकाश तो दिए का भी होता है. लालटेन का भी होता है, और बल्ब का भी होता है. बल्ब की रोशनी से तुम बेरोजगारी, उत्पीड़न, घृणा, अत्याचार, अन्याय और असमानता का अंधेरा नहीं हटा सकते. इसके लिए मोहब्बत के साथ खुले दिल और दिमाग से दिया जलाना होता है. समानता, शांति, प्रेम और न्याय दिलाने के लिए खुद को दिया और बाती बनना पड़ता है. तुम क्या जानो इन सब वैचारिक और सैद्धांतिक उसूलों को छोड़कर शॉर्टकट ढूंढना और अवसर देख समझौते करना तुम्हारी बहुत पुरानी आदत रही है.'

बता दें कि लालू प्रसाद यादव रांची के जेल में चारा घोटाला के मामलों में सजा काट रहे हैं. जेल से ही वे ट्विटर, फेसबुक के जरिए विरोधियों पर लगातार हमला करते रहते हैं. लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी भी समय-समय पर तीखे बयानों से विरोधियों को घेरती रहती हैं.