लोकसभा चुनाव 2019 नतीजे: इन 3 वजहों से जनता ने पीएम मोदी के सिर सजाया देश की सत्ता का ताज
देशभर में एक बार फिर साल 2014 जैसा माहौल देखने को मिल रह है. दरअसल बीजेपी दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए तैयार हो गई है. इस वजह से बीजेपी और मोदी समर्थकों में उत्साह की ज़बरदस्त लहर देखी जा रही है.
नई दिल्ली: देशभर में एक बार फिर साल 2014 जैसा माहौल देखने को मिल रह है. दरअसल बीजेपी दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए तैयार हो गई है. इस वजह से बीजेपी और मोदी समर्थकों में उत्साह की ज़बरदस्त लहर देखी जा रही है. ऐसा इसलिए क्योकि लोकसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों में बीजेपी की बढ़त 300 सीट तक पहुंच गई है, जबकि कांग्रेस करीब 50 सीटों पर आगे चल रही है. 17वीं लोकसभा के गठन के लिये सात चरण में 11 अप्रैल से 19 मई तक मतदान हुए. सभी सीटों पर मतगणना 23 मई यानि आज हो रही है.
संसदीय चुनाव में मोदी सरकार एक बार फिर साल 2014 की तरह इतिहास रचने वाली है. जबकि कांग्रेस का फिर से बुरा हाल होता दिखाई पड़ रहा है. साल 2014 के आम चुनाव (Lok Sabha Election) में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने 30 साल का रेकॉर्ड तोड़कर सभी विरोधियों को पस्त कर दिया था. अपने दम पर बीजेपी ने अकेले बहुमत के लिए जरुरी 282 सीटें हासिल कर ली थी. जबकि एनडीए को कुल 543 सीटों में से 336 पर जीत मिली थी. इसके उलट लगातार 10 सालों तक केंद्र की सत्ता में रही कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत ख़राब रहा. देशभर में कांग्रेस की जीती हुई सीटों का आंकड़ा तीन अंकों में भी नहीं पहुंच पाया था. कांग्रेस को केवल 44 सीटों पर जीत मिली थी. इस बार भी कांग्रेस का कुछ ऐसा ही हाल होता दिखाई पड़ रहा है.
बस कुछ ही घंटों के बाद यह साफ हो जाएगा कि देश की सत्ता की कमान फिर से नरेंद्र मोदी की लीड वाली बीजेपी को मिलेगी. अब तक रुझानों के अनुसार नरेंद्र मोदी का दूसरी बार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाना तय है. इन सबके बीच सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर मोदी सरकार के पक्ष में इतनी बंपर वोटिंग किन कारणों से हुई है.
ये है वजह-
- नरेंद्र मोदी ना केवल बीजेपी बल्कि आज भारतीय राजनीति के सबसे सबसे बड़े चेहरे बन गए है. आज के रुझानों को देखकर यह साफ़ हो गया है कि प्रधानमंत्री अविश्वसनीय रूप से अभी भी बहुत लोकप्रिय बने हुए हैं. पॉलिटिकल पंडितों की मानें तो देशभर में बीजेपी के अधिकांश उम्मीदवारों का वोट परसेंटेज केवल पीएम मोदी के नाम पर हुआ है. मतदाता स्पष्ट रूप से पीएम मोदी के लिए बीजेपी गठबंधन को वोट दे रहे है. पीएम मोदी को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने कई बार अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रोजेक्ट किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जनता ने हर मौके पर पीएम मोदी को ही पसंद किया. जिसके कारण सत्ताधारी दल के लिए लोकसभा चुनाव में जीत राह आसान हो गई.
- अपने पांच सालों के कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार की योजनाओं ने मतदाताओं को बीजेपी और पीएम मोदी से जोड़ने का काम किया. प्रधानमंत्री मोदी की आम जनता के हितों से जुड़ी योजनाओं- प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना ने सीधे तौर पर फायदा पहुचाया. अधिकतर योजनाओं को ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों पर केंद्रित रखा गया, जहां से देश के सबसे ज्यादा मतदाता आते है. इसके अलावा इन योजनाओं को धरातल पर लागू किया गया. जिस कारण से बीजेपी के वोटर कहीं और नहीं खिसक पाए. जिन लोगों को मोदी सरकार की योजनाओ से लाभ मिला उन्होंने बेशक पक्ष में वोट दिया जबकि बाकियों ने भविष्य में लाभ मिलने की उम्मीद से पीएम मोदी के लिए वोट डाले.
- इसके अलावा मोदी सरकार की सत्ता में दोबारा वापसी का का कारण कमजोर विपक्ष का होना भी है. देश की विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार को पूरे चुनाव अभियान के दौरान घेरने में नाकाम रही. असल मुद्दों को छोड़कर सबने केवल अपने फायदे को साधने की कोशिश की जिसका सीधा फायदा पीएम मोदी की सरकार को मिला. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2014 के चुनाव में जीत के बाद से ही बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी 2019 की जीत की तैयारियों में लग गए. पीएम मोदी ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक धुनाधर 5,827 कार्यक्रमों और 437 विशाल जनसभाओं में हिस्सा लिया. परिणामस्वरुप वोटर जुड़े रहे और पीएम मोदी की जीत की राह 2019 के लिए बनती गई.