बिहार: शराबबंदी कानून में बदलाव, ऐसे सजा से बच सकते हैं आरोपी!
संशोधन में शराब में हानिकारक पदार्थ मिलाने और इससे मृत्यु होने पर सख्त कानून के प्रस्ताव की मंजूरी दी गई है. ऐसे अपराध पर उम्रकैद या फिर मृत्युदंड की सजा हो सकती है.
पटना: दो साल पहले शराबबंदी कानून को लेकर बिहार कैबिनेट ने बड़ा फैसला किया है. नीतीश कैबिनेट ने शराबबंदी के कड़े कानूनों में बदलाव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 के संशोधन को आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, शराब मिलने पर घर, वाहन और खेत जब्त करने के प्रावधानों में नरमी बरती गई है. शराबबंदी कानून में बदलाव का जो सबसे बड़ा फैसला लिया गया है, वह यह है कि अगर कोई व्यक्ति पहली बार शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो वह ₹50000 जुर्माना देकर छूट सकता है या तीन महीने की जेल होगी.
संशोधन में शराब में हानिकारक पदार्थ मिलाने और इससे मृत्यु होने पर सख्त कानून के प्रस्ताव की मंजूरी दी गई है. ऐसे अपराध पर उम्रकैद या फिर मृत्युदंड की सजा हो सकती है. इसके साथ ही तीन साल की सजा पूरी कर चुके लोग जेल से बाहर निकलेंगे.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों इस बात से साफ संकेत दे दिए थे और कहा था कि वह जल्द शराबबंदी कानून में बदलाव लाने वाले हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 37 एजेंडों पर मुहर लगाई गई.
बता दें कि अप्रैल 2016 को बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू हुई थी. बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 के मुताबिक, किसी के पास शराब मिलने पर कड़ी सजा का प्रावधान था.