पेट्रोल-डीजल के दामों में की गई कटौती को केजरीवाल ने बताया धोखा, कहा- टैक्स बढाया 10 रुपए और घटाया मात्र 2.50 रुपए
वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेट्रोल और डीजल के दामों में ढाई रुपये की कमी करने का ऐलान किए जाने के कुछ देर बाद ही केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई और मात्र 2.50 रुपए आज कम कर दी? ये तो धोखा हुआ.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम जनता के साथ धोखा बताया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेट्रोल और डीजल के दामों में ढाई रुपये की कमी करने का ऐलान किए जाने के कुछ देर बाद ही केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई और मात्र 2.50 रुपए आज कम कर दी? ये तो धोखा हुआ.
आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया केजरीवाल ने पेट्रोल-डीजल की कीमत में की गई ढाई रुपये प्रति लीटर की कटौती को नाकाफी बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी 10 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई और मात्र 2.50 रुपए आज कम कर दी? ये तो धोखा हुआ। केंद्र सरकार को कम से कम 10 रुपए प्रति लीटर की कमी करनी चाहिए थी.
इससे पहले केजरीवाल ने एक ट्विट में लिखा “मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 19.48 रुपए कर दी. इसीलिए कच्चे तेल की क़ीमत में भारी गिरावट के बावजूद भारत में पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं.“
केंद्रीय वित्त मंत्री गुरुवार को ने प्रेस वार्ता कर ऐलान किया कि सरकार एक्साइज ड्यूटी डेढ़ रुपये कम करेगी और तेल कंपनियां एक रुपये कम करेगी. जिसकी वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम ढाई रुपये कम हो जाएंगे. केंद्र के इस फैसले से तेल के बढ़ते दामों से परेशान लोगों को थोड़ी राहत जरुर मिली.
यह भी पढ़े- Good News!!! मोदी सरकार ने आम आदमी को दी बड़ी राहत, पेट्रोल-डीजल 2.50 रुपये प्रति लीटर सस्ता किया
वहीं केंद्र के राज्यों से भी वैट में ढाई रुपये की कटौती का आग्रह किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, त्रिपुरा ने भी पेट्रोल और डीजल के दामों में ढाई रुपये की कमी का एलान किया. इसके साथ ही इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल पांच रुपये सस्ता हो जाएगा.
केंद्र फिलहाल पेट्रोल पर 19.48 रुपये लीटर जबकि डीजल पर 15.33 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलती है. इसलिए टैक्स में कटौती करने से केंद्र सरकार को 10,500 करोड़ रुपये के कर राजस्व का नुकसान होगा.