बेंगलुरू: कर्नाटक में नई सरकार गठन के बाद पहला मंत्रिमंडल विस्तार 6 जून को होगा. सत्तारूढ़ गठबंधन की बड़ी घटक कांग्रेस के 21 और जनता दल (सेक्युलर) के 11 मंत्री शपथ लेंगे. जद (एस) के पास जहां वित्त विभाग रहेगा, वहीं कांग्रेस के पास गृह समेत अन्य विभागों की जिम्मेदारी रहेगी. दोनों पार्टियों ने एक गठबंधन समन्वय और निगरानी समिति गठित करने का निर्णय लिया है, जिसकी बैठक हर महीने हुआ करेगी.
कांग्रेस के राज्य प्रभारी के.सी. वेणुगोपाल ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में मंत्रियों और उनके विभागों के बारे में जानकारी दी.
मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने यहां पत्रकारों से कहा, "राज्यपाल वजुभाई वाला ने सभी 32 कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण के लिए अगले बुधवार को दोपहर 2 बजे का समय तय किया है. शपथ ग्रहण समारोह के लिए स्थल का निर्णय जल्द लिया जाएगा."
गठबंधन ने निर्णय लिया है कि 6 जून से पहले मंत्री बनने वाले 32 विधायकों और और उनके विभागों के बारे में जानकारी दे दी जाएगी.
वेणुगोपाल ने कहा, "दोनों पार्टियों के नेताओं की सहमति के बाद उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर समेत 22 मंत्री होंगे और मुख्यमंत्री समेत जद(एस) के 12 सदस्य होंगे."
78 विधायकों वाली कांग्रेस के पास गृह, सिंचाई, बेंगलुरू विकास विभाग, उद्योग, स्वास्थ्य, राजस्व, शहरी विकास, ग्रामीण विकास, कृषि, चिकित्सा शिक्षा, आवास, श्रम, महिला व बाल कल्याण, वन व पर्यावरण, खनन व भूगर्भ, सामाजिक कल्याण, खाद्य आपूर्ति, कानून व संसदीय मामले, आईटी, बीटी, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, कन्नड़ संस्कृति, खेल व युवा मामले, हज वक्फ व अल्पसंख्यक आयोग और परिवहन विभाग होंगे.
36 विधायकों वाले जद (एस) के पास वित्त, सूचना, खुफिया, सामान्य प्रशासन, योजना व सांख्यिकी, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा, सहकारिता, पर्यटन, सार्वजनिक शिक्षा, पशु व मत्स्य, हॉर्टिकल्चर व सेरीकल्चर, छोटे उद्योग, यातायात व सिंचाई विभाग होंगे.
वेणुगोपाल ने कहा, "मुख्यमंत्री अन्य विभागों का निर्णय उपमुख्यमंत्री से विमर्श के बाद लेंगे."
समन्वय समिति के सदस्य कुमारस्वामी, परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, वेणुगोपाल और कुंवर दानिश अली होंगे.
वेणुगोपाल ने कहा, "सिद्धारमैया समिति के चेयरमैन और दानिश अली इसके संयोजक होंगे. यह समिति वेधानिक बोर्डो और निगमों में नियुक्तियों पर फैसले लेगी. बोर्डो और निगम प्रमुखों के दो तिहाई पद कांग्रेस विधायकों से भरे जाएंगे और एक तिहाई पद जद (एस) विधायकों के पास रहेंगे."
उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां चुनावी घोषणापत्र के अनुरूप सरकार के लिए साझा एजेंडा तय करेंगी. साथ ही वर्ष 2019 के आम चुनाव में चुनाव-पूर्व गठबंधन के रूप में उतरने पर विचार करेंगे.