झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: महाराष्ट्र में जारी गतिरोध के बीच राज्य में AJSU के साथ सीट शेयरिंग पर सावधानी बरत रही बीजेपी

झारखंड में अब तक किसी राजनीतिक दल ने पहले चरण के मतदान के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. इस बीच, विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में महाराष्ट्र जैसी स्थिति के डर से बीजेपी राज्य में अपने गठबंधन सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) के साथ सीट बंटवारे के सौदे को अंतिम रूप देते हुए सावधानी बरत रही है.

अमित शाह और रघुवर दास (Photo Credits: PTI)

Jharkhand Assembly Elections 2019: झारखंड में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में होगा. पहले चरण के लिए वोटिंग 30 नवंबर को होगी जिसके लिए बुधवार को अधिसूचना जारी कर दी गई. हालांकि, पहले चरण में 13 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए बुधवार को कोई नामांकन नहीं हुआ. दरअसल, अब तक किसी राजनीतिक दल (Political Party) ने पहले चरण के मतदान के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. इस बीच, विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड में महाराष्ट्र (Maharashtra) जैसी स्थिति के डर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य में अपने गठबंधन सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) के साथ सीट बंटवारे के सौदे (Seat Sharing Deal) को अंतिम रूप देते हुए सावधानी बरत रही है.

दरअसल, महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को आए नतीजों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला लेकिन राज्य में सरकार गठन को लेकर स्थिति अब तक साफ नहीं हो पाई है. वहीं, झारखंड में भी बुधवार को पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच मतभेद अब तक अनसुलझे हैं. यह भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: इन वोटरों के पास है सत्ता की चाभी, बना सकते हैं किसी भी दल की सरकार.

बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए ने झारखंड में 65 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच सबसे बड़ा मतभेद तीन सीटों पर दावेदारी को लेकर है. ये तीन सीटें हैं- लोहरदगा, चंदनकियारी और रामगढ़. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि अगर एनडीए की सीट बंटवारे का सौदा आजसू पार्टी के लिए संतोषजनक नहीं है तो इसका मतलब होगा कि वह आगे बढ़ेगा और बाद में स्थिति महाराष्ट्र की तरह ही बिगड़ सकती है.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों से एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद आजसू पार्टी रघुवर दास सरकार की आलोचना करती रही है. विधानसभा चुनाव से पहले सीटों के लिए नए दावे करने के साथ, वह दबाव की रणनीति का प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने कहा कि इसकी क्या गारंटी है कि आजसू चुनाव के बाद बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ाएगा? इसलिए हम अपनी चाल सावधानीपूर्वक चल रहे हैं.

इसके अलावा आजसू ने 'डबल डिजिट' का दावा कर बीजेपी को चुनाव के पूर्व 'भंवर' में डाल दिया है. बीजेपी के सूत्रों की मानें तो पार्टी पिछले विधानसभा की तर्ज पर सीट बंटवारा चाहती है, जिसे आजसू ने सीधे तौर नकार दिया है. आजसू के नेता कहते हैं कि पिछले पांच सालों के बीच काफी कुछ बदलाव आया है. आजसू सूत्रों का दावा है कि पार्टी विधानसभा की 12 से 15 सीटों पर दावेदारी की है.

गौरतलब है कि झारखंड में पांच चरणों में होने वाले चुनाव 30 नवंबर, 7 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर को होंगे. झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए वोटों की गिनती 23 दिसंबर को होगी.

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