भाषा विवाद पर HD Kumaraswamy ने कहा- हिंदी न जानने वाले कितने लोगों को बलिदान देना होगा

आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने हाल ही में एक वर्चुअल प्रशिक्षण सत्र के दौरान कहा कि जो लोग हिंदी नहीं बोल सकते हैं वे छोड़कर जा सकते हैं, क्योंकि मुझे अंग्रेजी अच्छी तरह से नहीं आती है. राजेश कोटेचा के इस बयान के बाद से तमिलनाडु के कई नेता उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं और कोटेचा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

सीएम एचडी कुमारस्वामी (Photo Credits-IANS)

चेन्नई: आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा (Rajesh Kotecha) ने हाल ही में एक वर्चुअल प्रशिक्षण सत्र के दौरान कहा कि जो लोग हिंदी नहीं बोल सकते हैं वे छोड़कर जा सकते हैं, क्योंकि मुझे अंग्रेजी अच्छी तरह से नहीं आती है. राजेश कोटेचा के इस बयान के बाद से तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कई नेता उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं और कोटेचा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

इसी कड़ी में जेडीएस (JDS) नेता एचडी कुमार स्वामी (H. D. Kumaraswamy) ने इस मामले में बीते रविवार को कहा कि हिंदी न जानने वाले दूसरी भाषाओं के कितने लोगों को बलिदान देना होगा. उन्होंने कहा, 'क्या यह कृत्य हिंदी थोपने के बेशर्म उत्साह में किया गया.'

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कर्नाटक के पूर्व सीएम ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'आयुष विभाग द्वारा आयोजित एक वर्चुअल ट्रेनिंग सत्र में सचिव राजेश कोटेचा ने कहा कि जिन्हें हिंदी नहीं आती वे जा सकते हैं. मैं अच्छी तरह से अंग्रेजी नहीं बोल सकता. क्या यह अंग्रेजी या हिंदी नहीं बोलने के अनुरोध को थोपना नहीं है? कितने कन्नड़ियों को हिंदी न बोलने की वजह से बलिदान देना होगा?'

बता दें कि आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने ऑनलाइन साझा किए जा रहे एक वीडियो में कहा था कि, 'मुझे सूचना मिली है कि पिछले दो दिनों से एक मुद्दा है. लोग जा सकते हैं… मैं बहुत अच्छी अंग्रेजी नहीं बोल पाता हूं. इसलिए मैं हिंदी बोलूंगा.'

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राजेश कोटेचा के इस बयान के बाद बीते शनिवार को तमिलनाडु के कुछ डॉक्टरों ने प्रशिक्षण में गुणवत्ता के मुद्दों को लेकर और हिंदी न जानने के लिए भेदभाव का आरोप लगाते हुए आयुष मंत्रालय को एक शिकायत भरा पत्र भी लिखा था.

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