जीएसटी परिषद की बैठक 20 जून को, दरों में कमी की उम्मीद

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी, जिसमें सभी राज्यों के वित्तमंत्री शामिल होंगे. बी 2 बी बिक्री के लिए ई-चालान जनरेट करने के लिए कारोबार सीमा को तय करने का प्रस्ताव कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए है

निर्मला सीतारमण (Photo Credit- PTI)

नई दिल्ली. आम बजट से पहले जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद की 20 जून को बैठक होने वाली है, जिसमें बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) बिक्री के लिए 50 करोड़ या अधिक के कारोबार वाली कंपनी के लिए केंद्रीकृत पोर्टल पर ई-इनवायस बनाना जरूरी किए जाने पर चर्चा होगी. जीएसटी के मुनाफारोधी निकाय का कार्यकाल आगे बढ़ाना भी परिषद के एजेंडे में शामिल है.  एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया, "जीएसटी परिषद के एजेंडे को अंतिम रूप देने पर काम चल रहा है. कारोबार की थ्रेसहोल्ड बढ़ाने और मुनाफारोधी निकाय के कार्यकाल को बढ़ाने पर निश्चित रूप से चर्चा होगी।"

जीएसटी परिषद की आगामी बैठक काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मोदी सरकार के पिछले महीने सत्ता में लौटने के बाद परिषद की यह पहली बैठक होगी। मोदी सरकार दूसरी बार भारी बहुमत से सत्ता में लौटी है. परिषद की बैठक में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था और मई में उम्मीद से कम जीएसटी संग्रह पर भी चर्चा होगी.

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पहली बार इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी, जिसमें सभी राज्यों के वित्तमंत्री शामिल होंगे. बी 2 बी बिक्री के लिए ई-चालान जनरेट करने के लिए कारोबार सीमा को तय करने का प्रस्ताव कर चोरी पर अंकुश लगाने के लिए है.

आधिकारिक विश्लेषण में पाया गया है कि जीएसटी भुगतान करनेवाले 50 करोड़ रुपये या अधिक के सालाना कारोबार लगभग 30 फीसदी बी2बी चालान बनाते हैं, जबकि करदाताओं में इनकी संख्या केवल 1.02 फीसदी है.

प्रस्तावित कदम से बी2बी बिक्री के लिए ई-चालान बनाने के लिए सभी बड़े व्यवसायों को प्रभावी ढंग से आवश्यकता होगी. चालान अपलोड करने के लिए केंद्रीकृत प्रणाली सितंबर तक लागू होने की उम्मीद है.नतीजतन, इन फर्मों को रिटर्न दाखिल करने और चालान अपलोड करने के दोहरे प्रक्रियात्मक काम से छूट दी जाएगी.

वहीं, विभिन्न उद्योगों को जीएसटी के उच्चतम कर ब्रैकेट में दर में कटौती की उम्मीदें हैं, खासकर वाहन क्षेत्र को, जिसे उम्मीद है कि इससे बिक्री में तेजी आएगी.

Share Now

\