सरकार ने न्यायमूर्ति अकील कुरैशी की नियुक्ति संबंधी फाइल कॉलेजियम को की वापस

सरकार ने न्यायमूर्ति अकील कुरैशी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के उच्चतम न्यायलय के कॉलेजियम की सिफारिश को संभवत: वापस लौटा दिया है. सरकार न्यायमूर्ति कुरैशी को किसी अन्य उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के विरूद्ध नहीं है. सूत्रों ने फाइल लौटाने के सरकार के फैसले के पीछे की वजह नहीं बताई.

न्यायमूर्ति ए ए कुरैशी (Photo Credits: Twitter)

सरकार ने न्यायमूर्ति अकील कुरैशी (Akil Kureshi) को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के उच्चतम न्यायलय के कॉलेजियम की सिफारिश को संभवत: वापस लौटा दिया है. कानून मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. सूत्रों ने संकेत दिया कि सरकार न्यायमूर्ति कुरैशी को किसी अन्य उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने के विरूद्ध नहीं है.

हालांकि, सूत्रों ने फाइल लौटाने के सरकार के फैसले के पीछे की वजह नहीं बताई. गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन (Gujarat High Court Advocate Association) ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर केंद्र को यह निर्देश देने की अपील की थी कि वह जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति को अधिसूचित करे.

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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उसे न्यायमूर्ति कुरैशी को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की कॉलेजियम की सिफारिश को लेकर कानून एवं न्याय मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला है. प्रधान न्यायधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा है कि उनके कार्यालय को मंत्रालय की ओर से पत्र मिला है और इस संबंध में कोई फैसला लेने के लिये इसे कॉलेजियम के सामने रखा जाएगा.

केंद्र ने 16 अगस्त को शीर्ष अदालत से कहा था कि वह मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति अकील कुरैशी की नियुक्ति से जुड़ी कॉलेजियम की 10 मई की सिफारिश पर एक सप्ताह के भीतर फैसला लेगा. गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन का आरोप है कि सरकार अन्य उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायधीशों की नियुक्ति को हरी झंडी दे चुकी है.

याचिका में कहा गया कि 10 मई को कॉलेजियम द्वारा उनके नाम की सिफारिश किए जाने के बाद भी न्यायमूर्ति कुरैशी के नाम को सरकार द्वारा अधिसूचित नहीं किया गया. कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया था, "न्यायमूर्ति ए ए कुरैशी गुजरात उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं."

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