Farmers Protest: आप नेता राघव चड्ढा का केंद्र पर निशाना, कहा-किसानों के बैंक में पैसा डाल दो, बैठक कर दो यह सब मोदी सरकार की बरगलाने की कोशिश है

कृषि बिल को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन खत्म होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि केंद्र की तरफ से सिर्फ बयानबाजी अब तक हुई है जिससे मामला सुलझने की बजाय लंबा खिंच रहा है. दूसरी तरफ किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. इस पुरे मसले पर कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष लगातार केंद्र को निशाने पर ले रहा है.इसी कड़ी में आप आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा एक बार फिर किसानों के मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है.

पीएम मोदी, किसानों का प्रदर्शन और आप नेता राघव चड्ढा (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 25 दिसंबर. कृषि बिल (Farm Bills 2020) को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) खत्म होने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं. इसके पीछे का कारण यह है कि केंद्र की तरफ से सिर्फ बयानबाजी अब तक हुई है जिससे मामला सुलझने की बजाय लंबा खिंच रहा है. दूसरी तरफ किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. इस पुरे मसले पर कांग्रेस (Congress) सहित पूरा विपक्ष लगातार केंद्र को निशाने पर ले रहा है.इसी कड़ी में आप आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) एक बार फिर किसानों के मुद्दों को लेकर मोदी सरकार (Modi Govt) पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि किसानों के बैंक में पैसा डाल दो, बैठक कर दो यह सब मोदी सरकार की बरगलाने की कोशिश है.

कृषि बिल को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि देश के किसान कह रहे हैं कि नए कृषि क़ानूनों की वजह से खेती व्यवस्था पूरी तरह से चंद उद्योगपतियों के हाथों में चली जाएगी. फिर भी मोदी सरकार अड़ी है. किसानों के बैंक में पैसा डाल दो, उनके साथ बैठक कर दो यह सब किसानों को बरगलाने की कोशिश है। देश का किसान समझदार है. यह भी पढ़ें-विपक्ष पर जमकर बरसे PM Modi, बोले- जिन्हें जनता ने नकार दिया वे किसानों को गुमराह कर रहे हैं

ANI का ट्वीट-

उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन को एक महीने खत्म होने को आ गया है. केंद्र और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत भी पहले हुई है लेकिन मामले का कोई हल नहीं निकल सका है. हालांकि केंद्र ने एक चिट्ठी के जरिए किसानों से बातचीत करने के लिए गुरूवार को पहल की है.

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