Farmers Protest: राहुल गांधी का तीखा हमला, कहा ‘मोदी-माया टूट गयी, अन्नदाता से मोदी सरकार का अहंकार भी टूटेगा’
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच नौवें दौर की बैठक खत्म हो गई है. विज्ञान भवन से बाहर निकलने के बाद किसान नेताओं ने वार्ता को बेनतीजा बताया है. जबकि सरकार के साथ अगली बातचीत 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी. इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच नौवें दौर की बैठक खत्म हो गई है. विज्ञान भवन से बाहर निकलने के बाद किसान नेताओं ने वार्ता को बेनतीजा बताया है. जबकि सरकार के साथ अगली बातचीत 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी. इस बीच कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है. उन्होंने केंद्र पर किसानों को खत्म करने का आरोप लगाया है और एक बार फिर तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताया है. किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने में नए पारित कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. नये कृषि कानून से गरीब किसान खत्म होंगे और मुठठी भर लोग लाभान्वित होंगे: अखिलेश
शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी विरोध प्रदर्शन करने वाले किसानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में एक विरोध मार्च में शामिल हुए. कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता राज निवास की ओर कूच किया, जहां दिल्ली के उप राज्यपाल का कार्यालय और आवास है. हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक दिया. बाद में, दोनों नेता जंतर मंतर पर गए और नए पारित कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के सांसदों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए.
इस अवसर पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों का सम्मान नहीं किया. पार्टी इन कानूनों को वापस लेने तक किसानों के साथ है. मोदी-माया टूट गयी, मोदी सरकार का अहंकार भी टूटेगा लेकिन अन्नदाता का हौसला ना टूटा है, ना टूटेगा. सरकार को कृषि विरोधी क़ानून वापस लेने ही होंगे!"
बीजेपी पर हमला करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार व्यापारियों के लिए काम कर रही है और ये कानून किसानों के पक्ष में नहीं हैं. देश के एयरपोर्ट और कोर्ट सिर्फ चार-पांच बिजनेसमैन चला रहे हैं.
आज का विरोध-प्रदर्शन देशभर के राज्यों में राजभवन के लिए कांग्रेस के योजनाबद्ध राष्ट्रव्यापी मार्च का एक हिस्सा है. कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इस तरह के मार्च निकालने का निर्णय पार्टी के अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में लिया गया था. (एजेंसी इनपुट के साथ)