अपने विवादास्पद बयान को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहनेवाले महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी पर अनंत अंबानी से 15 करोड़ का चंदा लेने की बात सामने आई है. दरअसल आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली ने ये जानकारी सामने लायी थी. अब उस पत्र को गलगली ने सीएम शिंदे और राज्यपाल बैस से जांच की मांग की है. ऐसे में अब इस पूरे मामले में भगतसिंह कोश्यारी ने सफाई देते हुए कहा कि,' मैं महाराष्ट्र का राज्यपाल था और मेरे दरवाजे आम लोगों के लिए हमेशा खुले थे. मेरा झुकाव हमेशा सामाजिक कार्यों की ओर रहा है. एक दिन, मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी मेरे पास आए, हमने एक-दूसरे से बात की, मैंने उन्हें उनके अखिल भारतीय संस्थान- विद्या भारती के बारे में जानकारी दी, ये संस्थान पूरे भारत में 20,000 से अधिक स्कूल संचालित करता है.यह भी पढ़े :Rahul Gandhi’s Big Announcement: राहुल गांधी का बड़ा ऐलान, कांग्रेस के सत्ता में आने पर महिलाओं को सरकारी नौकरी में देंगे 50% आरक्षण
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#WATCH | Dehradun, Uttarakhand: On allegedly receiving a donation of Rs 15 crores in the name of a school, former Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari says, "I was Governor of Maharashtra and my door was always open for common people...I have always been inclined to social… pic.twitter.com/1FMWnYrCtO
— ANI (@ANI) March 29, 2024
नैनीताल में सरस्वती विहार है, जो पिछले 40 वर्षों से चल रहा है और एक प्रतिष्ठित हॉस्टल विद्यालय है. कोश्यारी ने बताया कि जनता की मांग पर, और अधिक स्कूल खोले जा रहे हैं.मैंने अनंत अंबानी से स्कूल के लिए फंड उपलब्ध कराने के लिए कहा था, जिससे ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी इसका फायदा होगा और फिर उन्होंने 15 करोड़ रुपये मुहैया कराए, कोश्यारी का कहना है कि सीएसआर फंड दिया ही जाता है, सभी विधायक और एमपी को अपने क्षेत्र में काम कराने के लिए सीएसआर से फंड लेना पड़ता है, ये कोई ऐसा गलत काम नहीं है.