प्रवर्तन निदेशलय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ जारी किया लुकआउट नोटिस
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम अब देश छोड़कर नहीं जा सकते. सभी हवाईअड्डों, आव्रजन विभागों को सतर्क कर दिया गया है. चिदंबरम के वकील ने कहा कि लुकआउट नोटिस राजनीतिक बदले के तहत जारी किया गया है क्योंकि पूर्व मंत्री के भागने का खतरा नहीं है. शीर्ष अदालत को बताया कि धन शोधन का यह मामला बहुत पुराना है. कार्ति बाद में जमानत पर रिहा हो गए थे.
नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (P. Chidambaram) अब देश छोड़कर नहीं जा सकते. सभी हवाईअड्डों, आव्रजन विभागों को सतर्क कर दिया गया है. यह कदम न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना (N. V. Ramana) की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ द्वारा बुधवार को चिदंबरम को अंतरिम राहत से इंकार करने और चिदंबरम की अग्रिम जमानत की याचिका पर तत्काल सुनवाई के लिए मामले को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेजने के बाद उठाया गया है.
चिदंबरम के वकील ने कहा कि लुकआउट नोटिस राजनीतिक बदले के तहत जारी किया गया है क्योंकि पूर्व मंत्री के भागने का खतरा नहीं है. मंगलवार को चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बाद से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशलय (ईडी) की टीमें पहले ही चिदंबरम के जोर बाग स्थित आवास पर बार-बार चक्कर काट रही हैं.
यह भी पढ़ें : INX मीडिया केस: चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं, जस्टिस रमन्ना ने CJI रंजन गोगोई के पास भेजा मामला
सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि धन शोधन का यह मामला बहुत पुराना है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) यह जांच कर रहे हैं कि साल 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तो उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी कैसे मिल गई थी.
कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के बदले रुपये लेने के आरोप में 28 फरवरी 2018 को गिरफ्तार कर लिया था. कार्ति बाद में जमानत पर रिहा हो गए थे.