मध्यप्रदेश: सीएम कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- पार्टी के शासनकाल में फाइलों में दबी थी मेट्रो की डीपीआर, हमने शुरू कराया काम
मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार में लालफीताशाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार को कहा कि भाजपा के 15 साल के राज में मेट्रो रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट फाइलों में दबी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत मौजूदा सरकार ने शहरी लोक परिवहन की इस महत्वपूर्ण परियोजना के निर्माण कार्य की शुरूआत कर दिखाई.
इंदौर : मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार में लालफीताशाही का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ (CM Kamal Nath) ने शनिवार को कहा कि बीजेपी के 15 साल के राज में मेट्रो रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) फाइलों में दबी पड़ी थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीत मौजूदा सरकार ने शहरी लोक परिवहन की इस महत्वपूर्ण परियोजना के निर्माण कार्य की शुरूआत कर दिखायी.
कमलनाथ, सूबे की आर्थिक राजधानी इंदौर में 7,500.80 करोड़ रुपये की लागत वाली मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण की नींव रखने के बाद आयोजित भव्य समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा, "जब मैं केंद्र सरकार में शहरी विकास मंत्री था, तब मैंने जयपुर में मेट्रो रेल परियोजना के एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश के तत्कालीन नगरीय प्रशासन और विकास मंत्री बाबूलाल गौर को फोन कर कहा था कि राज्य सरकार इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल लाइन बिछाने के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाना शुरू करे."
कमलनाथ ने कहा, "गौर ने जब यह डीपीआर बनाने में बडे़ खर्च की बात की, तो मैंने मध्यप्रदेश के दोनों प्रमुख शहरों में मेट्रो रेल लाइन की डीपीआर बनाने के खर्च को केंद्रीय निधि से मंजूरी दी थी. इसके बाद डीपीआर तो बन गयी थी. पर यह रिपोर्ट फाइलों में दबी हुई थी."
सूबे में दिसंबर 2018 में कमान संभालने वाली नयी सरकार के अगुवा ने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह से कहा कि वे अफसरों से बात कर मेट्रो रेल परियोजना को अमली जामा पहनाने की समयसीमा तय करें."
इंदौर में 31.55 किलोमीटर लम्बे मेट्रो रेल गलियारे की नींव रखे जाने से प्रफुल्लित मुख्यमंत्री ने कहा, "यह शिलान्यास सूबे के विकास के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा. आज मेरा एक सपना साकार हुआ है." कमलनाथ ने यह भी कहा कि दूसरे चरण में इंदौर की मेट्रो रेल परियोजना से धार्मिक नगरी उज्जैन, औद्योगिक शहर पीथमपुर और अन्य नजदीकी स्थानों को जोड़ने पर भी विचार किया जायेगा.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में आबादी के लिहाज से सबसे बड़े शहर इंदौर में प्रस्तावित मेट्रो रूट का 24.44 किलोमीटर लम्बा हिस्सा एलिवेटेड (ऊंचे पिलरों पर टिका) होगा, जबकि 7.11 किलोमीटर लम्बा भाग भूमिगत रहेगा यानी वहां सुरंग बनाकर रेल लाइन बिछायी जायेगी.
उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल गलियारा नैनोद, भंवरासला चौराहा, रेडिसन चौराहा, बंगाली चौराहा और शहर के प्रमुख स्थानों से होते हुए गुजरेगा. इस मार्ग पर 29 स्टेशन बनाये जाने हैं. मेट्रो रेल परियोजना का काम चरणबद्ध तरीके से अगस्त 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.