CAA Protest: सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह बोले- पंजाब और अन्य राज्यों में अगर CAA को लागू करना है तो केंद्र को करना होगा इसमें आवश्यक संशोधन

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि विरोध के बावजूद अगर केंद्र सीएए को पंजाब और अन्य राज्यों में लागू करना चाहती है तो इस कानून में आवश्यक संशोधन करने होंगे. उन्होंने कहा कि केरल की तरह हमारी सरकार भी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. उन्होंने कहा कि हमनें सीएए को सभी के लिए स्वीकार्य बनाने के लिए इस कानून में कुछ आवश्यक बदलाव करने का मसौदा केंद्र सरकार को भेजा है.

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Photo Credits: ANI)

चंडीगढ़: नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए (Citizenship Amendment Act) पर मचे बवाल के बीच 10 जनवरी से सीएए (CAA) पूरे देश में लागू हो गया है, बावजूद इसके देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला लगातार जारी है. कई राज्य इसे अपने यहां लागू करने के खिलाफ हैं, इसके लिए बकायदा केरल (Kerala) विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है और अब केरल के बाद पंजाब सरकार (Punjab Government) ने भी विधानसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रस्ताव को पेश किया है. पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने विधानसभा में शुक्रवार को सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया. वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएए को लेकर केंद्र पर निशाना भी साधा है.

शुक्रवार को सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि विरोध के बावजूद अगर केंद्र सीएए को पंजाब और अन्य राज्यों में लागू करना चाहती है तो इस कानून में आवश्यक संशोधन करने होंगे. उन्होंने कहा कि केरल की तरह हमारी सरकार भी इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.

साथ ही उन्होंने कहा कि हमनें सीएए को सभी के लिए स्वीकार्य बनाने के लिए इस कानून में कुछ आवश्यक बदलाव करने का मसौदा केंद्र सरकार को भेजा है. अब जनगणना की जा रही है, इसे पुराने तरीके से किया जाएगा, जनगणना में प्रत्येक नागरिक को गिना जाएगा चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या किसी और धर्म के क्यों न हो.

देखें ट्वीट-

इससे पहले उन्होंने कहा था कि एनसीआर और एनपीआर को लेकर लोगों के मन में शंका और दुविधाएं हैं. उन्हें दूर करने के बाद ही इसे पारित किया जाना चाहिए और सीएए में भी बदलाव किया जाना चाहिए. सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार विभाजन वाले इस कानून को लागू नहीं होने देगी, क्योंकि यह कानून एनआरसी और एनपीआर के साथ भारतीय संविधान का उल्लंघन करता है. यह भी पढ़ें: CAA Protest: पंजाब विधानसभा में संशोधित नागरिकता कानून रद्द करने को लेकर लाया जाएगा प्रस्ताव

गौरतलब है कि पंजाब से पहले केरल विधानसभा में सीएए को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है. सीएए को खत्म करने के लिए प्रस्ताव पारित करने वाला पहला राज्य केरल है. वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी यह कह चुकी हैं कि उनकी सरकार इस नए कानून के खिलाफ है और अब पंजाब में भी इस कानून के खिलाप प्रस्ताव पेश किया गया है.

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