Ram Mandir Donation: राम की नगरी अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर (Ram Mandir) के लिए धन संग्रह का अभियान चल रहा है. धन संग्रह के अभियान (Fund Raising campaign) पर भाजपा और कांग्रेस (BJP And Congress) एक-दूसरे पर हमलावर हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के एक बयान ने सियासत भी गरमा दी है. श्री राम जन्मभूमि निधि समर्पण अभियान के तहत विभिन्न समूह प्रदेश के अनेक हिस्सों में जाकर धन का संग्रहण करने में लगे हैं. इस धन संग्रहण के दौरान चेक और नगद राशि भी ली जा रही है. कई स्थानों पर फर्जी लोगों द्वारा भी धन संग्रहण किए जाने की बातें सामने आई हैं.
मंदिर निर्माण के लिए भाजपा के नेताओं के साथ कांग्रेस के बड़े नेताओं जिनमें पूर्व मुख्यंमत्री दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं, उन्होंने चेक के माध्यम से सहयोग दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस के नेता लोगों से सीधे बैंक एकाउंट में राशि जमा करने का आग्रह करने में लगे हैं. वहीं भाजपा कांग्रेस की मंशा पर ही सवाल उठाने में लगी है. धन संग्रह को लेकर अब तक कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने थे, मगर इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया का विवादित बयान आ गया. यह भी पढ़ें: राम मंदिर के नाम पर BJP नेता दिन में चंदा जुटाकर रात में पीते हैं शराब- वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया का विवादित बयान
उन्होंने कहा है कि पहले भी राम मंदिर के नाम पर हुए चंदे में करोड़ों रुपये जुटाए गए थे, इस राशि को भाजपा के लोग दबाए बैठे हुए हैं. इस रशि को मंदिर ट्रस्ट में जमा किया जाना चाहिए. अब फिर भाजपा के लोग घर-घर जाकर चंदा जुटा रहे हैं, दिन में चंदा जुटाते हैं और रात को नदी पर जाकर शराब पीते हैं.
कांग्रेस की ओर से अपरोक्ष रुप से भूरिया के बयान का समर्थन ही किया गया है. पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा है कि कांति लाल भूरिया सच्चे नेता हैं, जब उन्होंने शराब पीते देखा होगा तभी कहा होगा. उन्होंने जो कहा है कि वह तथ्यों के आधार पर ही कहा होगा.
कांग्रेस भूरिया के बयान को भाजपा ने हाथों हाथ लिया और हमला बोलना शुरू कर दिया. राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि जैसी शिक्षा मिली है वैसा ही कहा जा रहा है, भूरिया का जो बयान है वह आसुरी प्रवृत्ति का द्योतक है. उनके गुरु दिग्विजय सिंह जो हैं. द्वापर युग से सतयुग तक हम देखते हैं कि जब जब कोई अच्छा काम होता था, उसमें आसुरी शक्तियां व्यवधान डालती थीं, आज भी कुछ वैसा ही है, इसीलिए श्री राम मंदिर के निर्माण संबंधी धन संग्रह में इस प्रकार के बयान दिए जा रहे हैं.
भूरिया के विवादित बयान पर कांग्रेस की ओर से अब तक कोई सफाई नहीं आई है, बल्कि उसका समर्थन ही किया गया है. इससे भाजपा को और हमला करने का मौका मिल रहा है. आगामी दिनों में राज्य में नगरीय निकाय के चुनाव होने वाले हैं और भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेर सकती है. कांग्रेस के कई नेता भूरिया के बयान से असहमत हैं, मगर कोई भी खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है. यह भी पढ़ें: Ayodhya Masjid: 30 महीने में बनकर तैयार होगी अयोध्या मस्जिद
राज्यसभा सांसद एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर प्रदेश में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्रित करने के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय के साथ हो रही घटनाओं को रोकने के सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित किये गए प्रतिरोधात्मक, समाधानकारक और दंडात्मक उपायों को अपनाने का अनुरोध किया है. सिंह ने कहा कि यदि आगामी 15 दिनों में कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो वे इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका प्रस्तुत करेंगे.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस एक तरफ जहां राम मंदिर के निर्माण के फैसले पर खुशी मना रही थी, वहीं मंदिर निर्माण में सहयोग भी कर रही है, साथ ही चंदा संग्रह के तरीके पर सवाल उठाने का मौका भी मिल रहा था, मगर भूरिया के एक बयान ने कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कांग्रेस सीधे तौर पर इस बात का जवाब नहीं दे पा रही है, क्योंकि राम मंदिर का निर्माण लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस ने अगर भूरिया के बयान से अपने को अलग करने की कोशिश नहीं की तो सियासी तौर पर नुकसान भी हो सकता है.