चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त विकास और सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर व्यक्त की सहमति

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाबलीपुरम, तमिलनाडु में अपने दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान संयुक्त विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की है. शी ने कहा कि तमिलनाडु, प्राचीन सिल्क रोड में माल ढुलाई के लिए एक समुद्री पारगमन हब है.

पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Photo Credits: IANS)

बीजिंग/महाबलीपुरम:  चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने महाबलीपुरम, तमिलनाडु में अपने दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दौरान संयुक्त विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की है.

शी और मोदी ने अप्रैल 2018 में चीनी शहर वुहान में अपनी पहली बैठक के बाद सुरम्य दक्षिण भारतीय शहर में अपनी दूसरी अनौपचारिक बैठक की. चेन्नई में महाबलीपुरम में होटल से शी की यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति के स्वागत में पारंपरिक वेशभूषा में सजे युवक-युवतियों ने गायन और नृत्य किया. सड़कों पर लोग चीनी और भारतीय राष्ट्रीय झंडे लहराते हुए नजर आए.

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शी ने पिछले साल वुहान में मोदी के साथ अपनी सफल बैठक को याद किया, जिससे चीन-भारत संबंध एक नए चरण में पहुंचे. उन्होंने कहा कि देश के बारे में और जानने के लिए तमिलनाडु राज्य का दौरा करके उन्हें खुशी हुई. दोनों नेताओं ने महाबलीपुरम के स्मारकों के दौरे के दौरान बातचीत और दोनों देशों की सभ्यताओं को जानने पर जोर दिया.

शी ने कहा कि तमिलनाडु, प्राचीन सिल्क रोड में माल ढुलाई के लिए एक समुद्री पारगमन हब है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने चीनी राष्ट्रपति के हवाले से कहा कि कई हजार साल के इतिहास के साथ चीन और भारत दोनों की प्राचीन सभ्यताओं के बीच अब तक आदान-प्रदान होता रहा है.

दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि चीन और भारत को संयुक्त रूप से समान विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए एक-दूसरे की सभ्यताओं का सम्मान करना चाहिए और सीखना व जानना चाहिए.

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