उत्तर प्रदेश: रेलवे की जमीन पर निर्माण के लिए आवास विभाग को कैबिनेट से मिली मंजूरी

उत्तर प्रदेश सरकार ने रेलवे की जमीनों पर किसी तरह के निर्माण के लिए भू-उपयोग बदलवाने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. हालांकि निर्माण कार्य महायोजना के मुताबिक ही कराना होगा और निर्माणकर्ता को वा' विकास शुल्क देना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के प्रस्तावों मंजूरी मिली.

सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: PIB)

लखनऊ, 26 जनवरी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने रेलवे की जमीनों पर किसी तरह के निर्माण के लिए भू-उपयोग बदलवाने की बाध्यता को समाप्त कर दिया है. हालांकि निर्माण कार्य महायोजना के मुताबिक ही कराना होगा और निर्माणकर्ता को वा' विकास शुल्क देना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई कैबिनेट की बैठक में विभिन्न विभागों के प्रस्तावों मंजूरी मिली. आवास एवं शहरी नियोजन के प्रस्ताव को योगी सरकार की कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई. मौजूदा समय में 'उप्र नगर योजना एवं विकास अधिनियम-1973' में प्रावधान के मुताबिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत रेलवे की जमीन पर आवासीय या पीपीपी मॉडल से व्यावसायिक निर्माण के लिए भू-उपयोग को बदलवाना अनिवार्य है.

किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए लघु सिंचाई योजना को अब मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के संशोधित स्वरूप में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों को बोरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित कराया जाएगा. जलशक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि परांपरागत ऊर्जा को नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाएगा. किसानों को उथले, मध्यम व गहरे नलकूपों की बोरिंग सुविधा प्रदान की जाएगी. उथले बोरिंग में 30 मीटर तक तथा मध्यम में 31 से 60 मीटर तक बोरिंग कराया जाता है.

यह भी पढ़ें: UP: योगी कैबिनेट ने आज लिए कई अहम फैसले, उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति सहित स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के निर्माण को दिखाई हरी झंडी

वहीं गहरे बोरिंग में 61 से 90 मीटर गहरे बोरिंग कराने की सुविधा प्रदान की जाती है. मंत्री डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि सभी बोरिंग की जियो टैगिंग करायी जाएगी. इसके अलावा पाइप आदि की खरीद जैम पोर्टल के माध्यम से होगी. विधानमंडल का बजट सत्र 16 फरवरी से आहूत करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने सोमवार को मंजूरी दे दी. यह वर्ष 2021 का पहला सत्र होगा. इसकी शुरुआत दोनों संदनों के संयुक्त अधिवेशन में राज्यपाल के अभिभाषण से होगी. विधानमंडल के दोनों सदनों का पिछला सत्र 20 अगस्त से प्रारंभ हुआ था. 22 अगस्त को विधानसभा व विधान परिषद की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई थी.

संवैधानिक प्रावधान है कि दो सत्रों के बीच छह माह का अंतर नहीं होगा. इसलिए 22 फरवरी से पहले सत्र प्रारंभ किया जाना जरूरी था. इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों सदनों का वर्ष 2021 का प्रथम सत्र 16 फरवरी से आहूत करने के प्रस्ताव का कैबिनेट ने अनुमोदन कर दिया था. ऐसी संभावना है कि सरकार 17 फरवरी को बजट पेश कर सकती है. प्रदेश में 250 मेगावॉट क्षमता के तीन डाटा सेंटर पार्क और 10 डाटा सेंटर इकाइयां स्थापित की जाएंगी. डाटा सेंटर पार्क और इकाइयों में 20 हजार करोड़ का निवेश आएगा, इससे 4 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 10 से 20 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा.

योगी कैबिनेट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश डाटा सेंटर नीति-2021 को मंजूरी दी है. अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के भवन निर्माण की परियोजना की पुनरीक्षित लागत 206.96 करोड़ रुपये को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. परियोजना लागत में बदलाव एकेडेमिक- प्रशासनिक ब्लॉक भवन में बेसमेंट, भूतल और तीन तल की जगह, अब बेसमेंट, भूतल और आठ तल के निर्माण के प्रस्ताव के कारण किया गया है.

Share Now

\