NRC पर ममता को चौतरफा घेरने की तैयारी में बीजेपी, कोलकाता में निकालेगी मार्च

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थियों को बंगाल के जिलों में बसाने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि राज्य में घुसपैठ की जांच और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए राज्य में 'एनआरसी की सख्त जरूरत है'.

अमित शाह और ममता बनर्जी (Photo Credit-IANS)

कोलकाता. पश्चिम बंगाल की भाजपा इकाई ने गुरुवार को यहां एक मार्च निकाला और पूर्वी राज्य से 'बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने के लिए' बंगाल में भी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के प्रकाशन की मांग की. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा और राज्य महासचिव सयानतन बासु के नेतृत्व में यह मार्च दक्षिण कोलकाता के देशप्रियो पार्क से मैदान इलाके तक निकाला गया. राज्य की भाजपा महिला शाखा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, "हम पश्चिम बंगाल में भी एनआरसी के प्रकाशन की मांग करते हैं. बांग्लादेश से यहां घुसपैठ बहुत आम है. यह घुसपैठिए बम बनाने, तस्करी, दंगा और सिंडिकेट चलाने जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल हैं. उन्हें बांग्लादेश निर्वासित किया जाना चाहिए."

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थियों को बंगाल के जिलों में बसाने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि राज्य में घुसपैठ की जांच और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए राज्य में 'एनआरसी की सख्त जरूरत है'.

उन्होंने कहा, "बनर्जी रोहिंग्याओं तक को राज्य में बसने की इजाजत दे रही हैं. बांग्लादेश के अवैध आव्रजकों के लिए उनके दिल में बहुत करुणा है. उन्हें पहले अपने लोगों को शांति देना चाहिए."

घोष ने बनर्जी पर निशाना साधा और उन पर असम के एनआरसी मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बनर्जी जान बूझकर भाजपा को बदनाम करने और झूठ फैलाकर बंगालियों को उकसाने की कोशिश कर रही हैं.

घोष ने कहा, "असम में एनआरसी मसौदा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर प्रकाशित किया गया है और इससे 40 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया है. अगर प्रक्रिया में कुछ खामियां हैं, तो राज्य सरकार और अदालत इसपर नजर रखेगी. लेकिन जिस तरीके से वे (तृणमूल) इस मुद्दे को राजनीतिक बना रहे हैं और बंगाल व असम दोनों राज्यों में बंगालियों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं, वह निंदाजनक है."

Share Now

\