मोहन भागवत के आरक्षण पर बहस वाले बयान पर बिहार में मचा सियासी बवाल, विपक्ष के साथ JDU ने भी जताया कड़ा ऐतराज
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ((आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर बहस से संबंधित बयान का बिहार में विपक्षी दल जमकर विरोध कर रहे हैं. दरअसल, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सूबे की राजनीति में अपनी खोई जमीन को मजबूत करने के लिए विपक्ष इस मुद्दे का इस्तेमाल करने पर आमादा हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के आरक्षण (Reservation) पर बहस से संबंधित बयान का बिहार (Bihar) में विपक्षी दल जमकर विरोध कर रहे हैं. दरअसल, बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सूबे की राजनीति में अपनी खोई जमीन को मजबूत करने के लिए विपक्ष (Opposition) इस मुद्दे का इस्तेमाल करने पर आमादा है. विपक्ष के साथ ही बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जेडीयू (JDU) ने भी मोहन भागवत के बयान पर नाराजगी जाहिर की है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक (Shayam Rajak) ने मोहन भागवत के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि आरएसएस को आरक्षण के मुद्दे को नहीं छूना चाहिए क्योंकि यह समाज और देश को विभाजित करेगा.
दरअसल, मोहन भागवत के आरक्षण संबंधी बयान ने आरजेडी, हम, आरएलएसपी जैसे विपक्षी दलों को बिहार में मौजूदा एनडीए सरकार पर हमला करने का मौका दिया है. साल 2015 में मोहन भागवत के आरक्षण की समीक्षा वाला बयान बीजेपी को काफी मंहगा पड़ा था. बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण पर बहस को लेकर मोहन भागवत का बयान संदेहास्पद है. तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण को लेकर आरएसएस और बीजेपी की मंशा ठीक नहीं है. बहस इस बात पर करिए कि इतने वर्षों बाद भी केंद्रीय नौकरियों में आरक्षित वर्गों के 80% पद ख़ाली क्यों है? उनका प्रतिनिधित्व सांकेतिक भी नहीं है. केंद्र में एक भी सचिव ओबीसी/ईबीसी क्यों नहीं है? कोई कुलपति एससी/एसटी/ओबीसी क्यों नहीं है? यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले का RSS प्रमुख मोहन भागवत ने किया स्वागत, बताया राज्य और देशहित के लिए जरूरी
वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कहा कि आरक्षण हाशिए और वंचित लोगों का अधिकार है. यह भारत के संविधान द्वारा दिया गया था. उन्होंने बीजेपी को इस मुद्दे के साथ नहीं खेलने के लिए आगाह किया.