लोकसभा चुनाव 2019: क्या बागपत में जात-मुस्लिम वोटरों को जोड़कर बाजी पलटेंगे जयंत चौधरी, सत्यपाल सिंह से है मुकाबला
बागपत में होगा सत्यपाल सिंह बनाम जयंत चौधरी का मुकाबला (File Photo)

इलेक्शन कमीशन के आम चुनावों के ऐलान के साथ ही देश में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. खास कर उत्तर प्रदेश में जहां रोज नए समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं. सभी बड़े सियासी दल यूपी में आक्रामक प्रचार कर रहे हैं. पीएम मोदी हो या प्रियंका गांधी या फिर अखिलेश-मायावती सभी ने यूपी के रण में अपनी पूरी ताकत झोंक दी हैं. वैसे पहले चरण में पश्चिमी यूपी में चुनाव होने हैं. 11 अप्रैल को यूपी के मतदाता सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर पर वोटिंग करेंगे. वैसे पश्चिमी यूपी में बागपत की अपनी अलग अहमियत हैं.

बागपत देश की राजधानी से ज्यादा दूर नहीं हैं और शायद यही वजह है कि जो इस सीट से जीतता हैं उसका दिल्ली में दबदबा होता हैं. बागपत के मौजूदा सांसद सत्यपाल सिंह, मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं.

इतिहास:

बागपत लोकसभा सीट 1967 में बनी. इस सीट पर चौधरी चरण सिंह घराने का दबदबा रहा हैं. चौधरी चरण सिंह ने साल 1977 से 89 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है. उसके बाद 1998-99 छोड़े तो 2014 तक इस सीट से चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह सांसद रहे हैं. 2014 में हालांकि मोदी लहर के चलते इस सीट से अजित सिंह को हार का सामना करना पड़ा था. वहां से मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह 2 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जिते थे.

यह भी पढ़े: सहारनपुर में महागठबंधन और कांग्रेस की लड़ाई में बीजेपी के राघव लखनपाल मार सकते हैं बाजी

2019 के प्रत्याशी:

बीजेपी की ओर से इस बार भी सत्यपाल सिंह को टिकट मिला हैं. वहीं, महागठबंधन की ओर से आरएलडी के जयंत चौधरी मैदान में हैं. वहीं, शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की ओर से मोहम्मद मोहकम मैदान में हैं.

जातीय समीकरण:

बागपत में जाट और मुसलमान वोटरों की तादाद बहुत हैं. इन दोनों ने साथ मिलकर जिस किसी भी उम्मीदवार का समर्थन किया वह चुनाव आसानी से जीत जाएगा. वैसे महागठबंधन के बनने से जयंत चौधरी को फायदा मिल सकता हैं.

बागपत संसदीय क्षेत्र में कुल 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें बागपत जिले की छपरौली, बड़ौत, बागपत, गाजियाबाद जिले की मोदी नगर और मेरठ जिले की सिवालखास विधानसभा सीट शामिल हैं. इस सीट के लिए 11 अप्रैल को वोटिंग होगी और नतीजे 23 मई को आएंगे.