शानदार हाईवे और सड़कों का जाल, हमारी सरकार की पहचान है: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वाराणसी में दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों का शुभारंभ किया. इनकी कुल लंबाई 34 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 1571.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने वाराणसी में दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों का शुभारंभ किया. इनकी कुल लंबाई 34 किलोमीटर है और इसके निर्माण पर 1571.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. जिसके बाद पीएम मोदी ने हरदुआ में रिंग रोड तिराहा पर एक विशाल जान सभा को संबोधित किया.
पीएम मोदी ने कहा “बीते 4 वर्षों में कितनी तेजी के साथ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है, वो अब स्पष्ट दिखता है. दुर्गम स्थानों पर नए एयरपोर्ट, नॉर्थईस्ट के दूर दराज के क्षेत्रों में पहली बार पहुंच रही ट्रेन, ग्रामीण सड़कों और शानदार हाईवे का जाल, ये हमारी सरकार की पहचान बन चुका है.”
“नमामि गंगे मिशन के तहत अब तक 23 हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है. गंगा के किनारे के करीब-करीब सारे गांव अब खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. ये प्रोजेक्ट्स गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक गंगा को अविरल, निर्मल बनाने के हमारे संकल्प का हिस्सा हैं. पीएम ने कहा कि अगले साल जनवरी में प्रवासी भारतीय दिवस काशी की पावन धरती पर होना है.”
बात दें कि बाबतपुर हवाई अड्डा राजमार्ग वाराणसी को हवाई अड्डे से जोड़ेगा और जौनपुर, सुल्तानपुर और लखनऊ तक जाएगा. इस राजमार्ग पर हरदुआ में एक फ्लाईओवर और तर्ना में रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण से वाराणसी से हवाई अड्डे तक की यात्रा में लगने वाले समय में कमी आयेगी। इससे वाराणसी के लोगों, पर्यटकों और अन्य आगंतुकों को बड़ी राहत मिलेगी.
फिलहाल वाराणसी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों से जोड़ने के लिए 63,885 करोड़ रुपये की लागत से कुल 2833 किलोमीटर लम्बी राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं. इनमें से 1143 किलोमीटर की लंबी पंद्रह सड़क परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. इनमें वाराणसी-जौनपुर, वाराणसी - सुल्तानपुर, सुल्तानपुर-लखनऊ, वाराणसी घाघरा ब्रिज, वाराणसी-आज़मगढ़ शामिल हैं. इन पर 3,0227 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है. इसके अलावा, 8,265 करोड़ रुपये की लागत वाली 235 किलोमीटर लंबी सात लक्षित परियोजनाएं भी हैं.