PM मोदी पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की टिप्पणी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया करारा जबाब
पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हताशा पाकिस्तान के आतंकवादी मास्टरमाइंडों के प्रति बेहतर तरीके से निर्देशित होगी, जिन्होंने आतंकवाद को अपनी राज्य नीति का हिस्सा बना लिया है. पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने या अछूत बने रहने की जरूरत है.
भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियां पाकिस्तान का निचला स्तर दिखाती हैं और ये टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं. न्यूयॉर्क में भुट्टो की टिप्पणी पर विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री की 'निराशा' उनके अपने देश में आतंकवादी उद्यमों के मास्टरमाइंडों की ओर निर्देशित होगी, जिन्होंने आतंकवाद को अपनी राज्य नीति का हिस्सा बना लिया है. यह भी पढ़ें: PAK विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने पार कीं सारी हदें, PM मोदी पर बदतमीजी भरी टिप्पणी, BJP देशभर में करेगी प्रदर्शन
संयोग से पाकिस्तान के विदेश मंत्री की टिप्पणी उस दिन आई जब पूरा भारत विजय दिवस मना रहा है, भारत ने 16 दिसंबर, 1971 को बांग्लादेश युद्ध में पाकिस्तान को हराया था. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया- ये टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 में इस दिन को भूल गए हैं, जो पाकिस्तानी हुक्मरानों की तरफ से जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ किए गए नरसंहार का साफ नतीजा था। दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया है। इसमें निश्चित रूप से भारत पर आरोप लगाने का पाकिस्तान को कोई भी अधिकार नहीं है.
उन्होंने आगे कहा- पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हताशा पाकिस्तान के आतंकवादी मास्टरमाइंडों के प्रति बेहतर तरीके से निर्देशित होगी, जिन्होंने आतंकवाद को अपनी राज्य नीति का हिस्सा बना लिया है. पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने या अछूत बने रहने की जरूरत है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि- जैसा कि हाल के सम्मेलनों और कार्यक्रमों से जाहिर हो रहा है, वैश्विक एजेंडे में आतंकवाद का मुकाबला शीर्ष पर बना हुआ है. आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को प्रायोजित करने, शरण देने और सक्रिय रूप से उनकी फंडिंग करने में पाकिस्तान की निर्विवाद भूमिका सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान विदेश मंत्री का असभ्य बयान आतंकवादियों का इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता की वजह से है.
उन्होंने आगे कहा- न्यूयॉर्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे शहर उन कई शहरों में से हैं, जो पाकिस्तान प्रायोजित, समर्थित और उकसाने वाले आतंकवाद के निशान झेल रहे हैं. उन्होंने कहा यह हिंसा उनके विशेष आतंकवादी क्षेत्रों से निकली है और दुनिया के सभी हिस्सों में निर्यात की गई है. 'मेक इन पाकिस्तान' आतंकवाद को रोकना होगा.
बयान में कहा गया- पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को शहीद के रूप में महिमामंडित करता है, और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को आश्रय देता है. कोई अन्य देश 126 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी और 27 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी संस्थाओं का अपने यहां होने का दावा नहीं कर सकता है.