नयी दिल्ली, 24 नवंबर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता सचिन पायलट को ‘गद्दार’ करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत की थी और गहलोत नीत सरकार गिराने की कोशिश की थी इसलिए उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जा सकता.
गहलोत के इस बयान से राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में आंतरिक कलह और बढ़ता नजर आ रहा है जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भी राजस्थान में आने वाली है. यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पूर्व डिप्टी पायलट पर तंज- 'गद्दार' को सीएम नहीं बनाया जा सकता
मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा में बृहस्पतिवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पैदल चलने वाले पायलट ने गहलोत के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
गहलोत ने यह आरोप भी लगाया कि जब पायलट के नेतृत्व में कांग्रेस के कुछ विधायक गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में एक महीने से अधिक समय तक रहे थे, तब इस बगावत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भी भूमिका थी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनके पास इस बात का सबूत है कि पायलट समेत प्रत्येक विधायक को 10-10 करोड़ रुपये दिये गये थे.
उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान चाहे तो 102 विधायकों में से पायलट को छोड़कर किसी को भी उनकी जगह मुख्यमंत्री बना सकता है.
गहलोत ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, ‘‘विधायक कभी उसे स्वीकार नहीं करेंगे जिसने बगावत की हो और जिसे गद्दार कहा गया हो. वह मुख्यमंत्री कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे आदमी को मुख्यमंत्री कैसे स्वीकार करेंगे. मेरे पास सबूत है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिराने के लिए गुरुग्राम के रिसॉर्ट में ठहरे विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये दिये गये थे.’’
उन्होंने कहा कि ऐसा उदाहरण कहीं देखने को नहीं मिलेगा जहां प्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष वहां की सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा हो.
हालांकि राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इन आरोपों का खंडन किया कि 2020 में कांग्रेस विधायकों को दल बदल के लिए पैसे देने में भाजपा शामिल थी.
गहलोत ने कहा कि अगर पायलट विधायकों से माफी मांगते तो स्थिति अलग होती.
गहलोत के करीबी 90 से अधिक पार्टी विधायकों द्वारा राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपने माफी मांगने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (पायलट ने) आज तक माफी नहीं मांगी है. अगर उन्होंने माफी मांगी होती तो मुझे माफी नहीं मांगनी पड़ती.’’
जब गहलोत से पूछा गया कि क्या आलाकमान पायलट को उनकी जगह मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर सकता है तो उन्होंने कहा कि यह तो कल्पना आधारित सवाल है. उन्होंने यह भी कहा, ‘‘लेकिन यह कैसे होगा? यह नहीं हो सकता.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं होने देने के बाद पार्टी विधायकों की पिछले दिनों हुई बैठक विद्रोह नहीं थी बल्कि पायलट के खिलाफ बगावत थी जिन्होंने उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की.
राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत और पायलट के बीच गतिरोध रहा है.
गहलोत का कहना है कि पायलट की 2020 में की गयी बगावत को भुलाया नहीं जा सकता और उन्हें अधिकतर कांग्रेस विधायकों का समर्थन नहीं है, वहीं पायलट खेमा दावा कर रहा है कि विधायक नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं.
राजस्थान कांग्रेस में नेतृत्व में संभावित बदलाव को लेकर कानाफूसी चल रही है, लेकिन एक वर्ग इसका विरोध भी कर रहा है.
गहलोत ने कहा कि विधायक चाहते हैं कि पायलट कम से कम पार्टी आलाकमान से और राजस्थान की जनता से माफी मांग लें.
उन्होंने उम्मीद जताई कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान के साथ न्याय करेगा.
विडियो देखें:
#WATCH मैंने सुना अशोक गहलोत जी ने जो बोला है। पहले भी अशोक गहलोत जी ने बहुत बातें मेरे बारे में बोली हैं। इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की आज जरूरत नहीं है। आज जरूरत इस बात की है कि हम कैसे पार्टी को मजबूत करें: कांग्रेस विधायक सचिन पायलट, दिल्ली pic.twitter.com/e5kzksTHbd
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2022
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