पेट्रोल पंप डीलर्स संघ ने कहा- जीरो इनकम के साथ गुजारा करना मुश्किल

सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध के कारण पिछले 65 दिनों में जीरो कारोबार के साथ, दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (डीपीडीए) ने कहा है कि उनके लिए गुजारा करना मुश्किल है क्योंकि उन्हें सरकार को वेतन और करों का भुगतान करना होगा.

भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Photo Credit-Twitter)

नई दिल्ली, 6 फरवरी : सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध के कारण पिछले 65 दिनों में जीरो कारोबार के साथ, दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (DPDA) ने कहा है कि उनके लिए गुजारा करना मुश्किल है क्योंकि उन्हें सरकार को वेतन और करों का भुगतान करना होगा. यह भी कहा गया कि किसान दो पेट्रोल पंपों (Petrol pumps) के पास 'लंगर' का खाना पका रहे हैं जो विस्फोटक नियमों के खिलाफ है. डीपीडीए प्रबंध समिति के सदस्य राजीव जैन ने कहा, "सिंघु बॉर्डर पर सभी छह पेट्रोल पंप और टिकरी बॉर्डर पर पांच पेट्रोल पंप किसानों के विरोध के कारण अवरुद्ध है."

जैन ने कहा कि पिछले 65 दिनों से डीजल, पेट्रोल और सीएनजी की बिक्री नहीं हुई है. जैन ने कहा, "दिल्ली की सीमाओं के आसपास फैक्ट्री, कार शोरूम और दुकानों में भी पिछले दो महीनों से कारोबार में कमी आई है और उन्हें वेतन, बिजली के फिक्स चार्ज, बैंक ब्याज ईएमआई, पीएफ, ईएसआई आदि जैसे सभी खर्च उठाने पड़ रहे हैं." उन्होंने कहा, "ऐसे हालात में ज्यादा दिनों तक टिके रहना मुश्किल है." यह भी पढ़ें : सोशल मीडिया पर Ratan Tata को भारत रत्न देने की जोर शोर से हो रही मांग, खुद उद्योगपति ने कही दिल जीत लेने वाली ये बात

जैन ने कहा, "किसान दो पेट्रोल पंपों के अंदर बैठे हैं और 'लंगर' पका रहे हैं. यह विस्फोटक नियमों के खिलाफ है. दिल्ली पुलिस को इस बारे में लिखित रूप से सूचित किया गया है, लेकिन उन्हें हटाया नहीं गया है." पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की कई सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. सरकार के साथ किसानों की बातचीत के ग्यारह दौर अनिर्णायक रहे हैं, जबकि किसानों की 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में शहर के कई स्थानों पर हिंसक झड़पें देखी गईं.

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