Petrol-Diesel के दाम फिर स्थिर, कच्चे तेल में तेजी के साथ कारोबार

पेट्रोल और डीजल (Petrol and diesel) के दाम में बुधवार को कोई बदलाव नहीं हुआ. एक दिन पहले तेल विपणन कंपनियों ने दोनों वाहन ईंधनों के दाम में कटौती की थी. उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में बीते सत्र में आई गिरावट के बाद फिर तेजी लौटी है.

प्रतीकात्मक तस्वीर (pxhere)

नई दिल्ली, 31 मार्च : पेट्रोल और डीजल (Petrol and diesel) के दाम में बुधवार को कोई बदलाव नहीं हुआ. एक दिन पहले तेल विपणन कंपनियों (Oil marketing companies) ने दोनों वाहन ईंधनों के दाम में कटौती की थी. उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार (International market) में कच्चे तेल के दाम में बीते सत्र में आई गिरावट के बाद फिर तेजी लौटी है. यह भी पढ़े:  भारत में पिछले 1 साल में 52 प्रतिशत कंपनिया हुई साइबर हमले की शिकार

इंडियन ऑयल (Indian Oil) की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम बिना किसी बदलाव के क्रमश: 90.56 रुपये, 90.77 रुपये, 96.98 रुपये और 92.58 रुपये प्रति लीटर पर बने हुए हैं. डीजल की कीमतें भी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में क्रमश: 80.87 रुपये, 83.75 रुपये, 87.96 रुपये और 85.88 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर हैं. यह भी पढ़े:

तेल विपणन कंपनियों ने मंगलवार को पेट्रोल के दाम में दिल्ली में 22 पैसे, कोलकाता और मुंबई में 21 पैसे जबकि चेन्नई में 19 पैसे प्रति लीटर की कटौती की थी. वहीं, डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 23 पैसे जबकि मुंबई में 24 पैसे और चेन्नई में 22 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई थी.

अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर ब्रेंट क्रूड के जून डिलीवरी अनुबंध में बुधवार को बीते सत्र से 0.47 फीसदी की तेजी के साथ 64.47 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. बीते सत्र में ब्रेंट में एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई थी.

न्यूयॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर डब्ल्यूटीआई के मई अनुबंध में बीते सत्र से 0.50 फीसदी की तेजी के साथ 60.85 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था. तेल आपूर्तिकर्ता देशों का समूह आगेर्नाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोटिर्ंग कंट्रीज यानी ओपेक और इसके सहयोगी देशों यानी ओपेक प्लस की गुरुवार को बैठक होने जा रही है. बाजार का अनुमान है कि कोरोना संक्रमण का प्रकोप दोबारा गहराने से तेल आपूर्तिकर्ता देश अपनी सप्लाई में कटौती को आगे बढ़ाने का फैसला ले सकते हैं.

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