Parliament: आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे के बाद राज्यसभा मंगलवार 11 बजे तक स्थगित
राज्यसभा में न केवल विपक्ष के सांसद बल्कि सत्ता पक्ष के सांसद भी नारेबाजी करते रहे. सत्ता पक्ष के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगा रहे थे. सभापति को सांसदों को शांत करने के लिए अपनी सीट से उठना पड़ा.
नई दिल्ली, 13 मार्च: सोमवार को राज्य सभा शुरू होने के कुछ ही देर बाद विपक्ष और सत्तापक्ष के सांसदों द्वारा हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 2 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा (Rajya Sabha) में न केवल विपक्ष के सांसद बल्कि सत्ता पक्ष के सांसद भी नारेबाजी करते रहे. सत्ता पक्ष के सांसद राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगा रहे थे. सभापति को सांसदों को शांत करने के लिए अपनी सीट से उठना पड़ा. हालांकि राज्यसभा में हंगामा नहीं थमा और राज्यसभा की कार्यवाही को मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. यह भी पढ़ें: राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी से लोक सभा में आकर माफी मांगने की मांग की, भारत को बदनाम करने की कोशिश की है
इस बीच कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने संसद में हो रहे हो हंगामे के लिए सत्तापक्ष को जिम्मेदार ठहराया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे यह देखकर हैरानी हो रही है कि सत्ता पक्ष के सांसद ही राज्यसभा की कार्यवाही को नहीं चलने दे रहे हैं. दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले सदन के नेता व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए. भारी हंगामे के बीच पीयूष गोयल ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा कि उन्होंने विदेश में भारत के लोकतंत्र और संसद के बारे में भ्रामक बातें कही हैं. उन्होंने यूरोप में ये बातें कही हैं और अन्य देशों से भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की मांग की है, ऐसे व्यक्ति की सदन को निंदा करनी चाहिए.
इसका जवाब देने के लिए नेता विपक्ष एवं कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे सामने आए. हालांकि जैसे ही मलिकार्जुन खरगे अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने राज्यसभा में जमकर हंगामा किया। बीजेपी के सांसद इस दौरान नारेबाजी करते रहे. मलिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा में दी गई रूलिंग का जिक्र करते हुए बताया कि जो व्यक्ति इस सदन का मेंबर नहीं है उसके बारे में यहां इस प्रकार की चर्चा नहीं की जा सकती. उन्होंने बताया कि यह राज्यसभा की रूलिंग है. राज्यसभा के ऐसे ही 2 निर्णयों का हवाला देते हुए खरगे ने मांग की कि पीयूष गोयल के बयान को सदन की कार्रवाई से निकाला जाना चाहिए.
इसके जवाब में पीयूष गोयल ने कहा कि मैंने अपने बयान में किसी का नाम ही नहीं लिया है। इस पर सभापति ने सदन के नेता व नेता विपक्ष समेत चार सांसदों की बात सुनने के बाद इस विषय पर अपनी बात रखनी चाही।. लेकिन दोनों ओर से हो रहे आरोप-प्रत्यारोप और नारेबाजी के कारण सभापति को सदन की कार्रवाई मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी.