नागरिकता संशोधन बिल पास होने पर पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों में खुशी की लहर, महिला ने अपनी नवजात बेटी का नाम रखा नागरिकता
दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाली एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी महिला ने इस बिल के पारित होने पर दो दिन की बच्ची का नाम नागरिकता रखकर अपनी खुशी का इजहार किया. महिला ने कहा कि यह मेरी सबसे बड़ी इच्छा थी कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित हो और आज यह विधेयक पारित हो गया है.
नई दिल्ली: राज्यसभा (Rajya Sabha) से नागरिकता (संशोधन) विधेयक (Citizenship Amendment Bill 2019) पारित होते ही देश में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों (Pakistani Hindu Refugee) में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. इस बिल के पारित होने पर ये शरणार्थी अपने-अपने तरीके से खुशी का इजहार कर रहे हैं. दिल्ली के मजनू का टीला (Majnu ka Tila) इलाके में वर्षों से रहे पाकिस्तानी हिंदुओं की बस्ती में उत्सव का माहौल है, तो वहीं राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी इसका जश्न मनाते नजर आए. उन्होंने अपनी खुशी का इजहार पटाखें जलाकर, सीटी और ताली बजाकर किया. इस मौके पर बच्चों ने अपनी खुशी पटाखे जलाकर प्रकट की और भारत माता की जय और जय हिंद के नारे लगाए. वहीं, बड़े बुजुर्गों ने एक-दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी.
नागरिकता संशोधन विधेयक के राज्यसभा में पास होने पर राजस्थान के जैसलमेर में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने कुछ इस तरह से जश्न मनाया.
जैसलमेर में जश्न मनाते पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी
दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाली एक पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी महिला ने इस बिल के पारित होने पर दो दिन की बच्ची का नाम नागरिकता रखकर अपनी खुशी का इजहार किया. महिला ने कहा कि यह मेरी सबसे बड़ी इच्छा थी कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 संसद में पारित हो और आज यह विधेयक पारित हो गया है. बताया जा रहा है कि इस बच्ची का जन्म सोमवार को हुआ था और उसी दिन लोकसभा में यह बिल पास हो गया, जिसके बाद परिवार ने उसका नाम नागरिकता रखने का फैसला किया था. यह भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल पास होने के विरोध में IPS अधिकारी अब्दुर रहमान ने दिया अपने पद से इस्तीफा, विधेयक को बताया भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ
महिला ने अपनी बेटी का नाम रखा नागरिकता
दिल्ली में रहनेवाले इस हिंदू शरणार्थी परिवार का कहना है कि सुरक्षित पनाहगाह की तलाश में वो 8 साल पहले भारत आए थे. यह हमारा एकमात्र घर है लेकिन नागरिकता नहीं मिलने की वजह से हम दुखी थे. अब गर्व से कह सकते हैं कि हम भारतीय हैं और हम पक्षी की तरह उड़ सकते हैं.
नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर बुधवार को जब राज्यसभा में चर्चा चल रही थी उस समय दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रेडियो से चिपके ध्यान से बहस सुन रहे थे, जबकि कुछ फोन पर खबर देख रहे थे, क्योंकि यह विधेयक भारत को आशियाना बनाने की उनकी इच्छा पर मुहर लगाने वाला था. यह भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा से पास, पीएम मोदी ने ट्वीट कर जाहिर की खुशी, कहा- यह ऐतिहासिक दिन
मजनू का टीला इलाके में टेंट, बिना प्लास्टर की दीवार और टिन की चादरों से बनी छत के नीचे गुजर बसर कर रहे 750 पाकिस्तानी हिंदू पड़ोसी देश से शरण की आस में आए थे. कई अन्य रोहिणी सेक्टर नौ एवं ग्यारह, आदर्श नगर और सिग्नेचर ब्रीज के आसपास रह रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक में 31 दिसंबर 2014 तक भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है. यह विधायक सोमवार को लोकसभा से पारित हो चुका है. विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने पर इन देशों से आए गैर मुस्लिमों के लिए भारत की नागरिकता पाने के लिए केवल पांच साल तक ही देश में रहने की अर्हता होगी जबकि पहले यह मियाद 11 साल थी.
(भाषा इनपुट के साथ)