नई दिल्ली: भारत ने मंगलवार की सुबह पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बम से हमला कर उसे नष्ट कर दिया. हमले में करीब 200-300 आतंकी, उनके प्रशिक्षक और वरिष्ठ कमांडर मारे गए है. भारत की इस कार्यवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने जवाब देने का संकल्प लिया है.
पाकिस्तान ने भारत के बालाकोट के नजदीक आतंकी शिविर को निशाना बनाये जाने और भारी क्षति पहुंचाने के दावे को खारिज कर दिया. साथ ही उसने संकल्प लिया कि भारत के गैरजरूरी आक्रामकता का जवाब वह अपने पसंद के स्थान और समय पर देगा. भारतीय हवाई हमले के कुछ घंटे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की आपात बैठक में प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी सेना और पाकिस्तान के लोगों से हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है.
पिछले साल नवंबर महीने में शांति की पहल का दिखावा करते हुए इमरान खान ने कहा था कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की जमीन का देश के बाहर आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल होने की इजाजत देना हमारे हित में नहीं है.
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खान स्पष्ट रूप से भारत के उस रुख का जिक्र कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते हैं और पाकिस्तान को अपनी सरजमीं से आतंकवादियों को मदद उपलब्ध कराना बंद करने के लिए प्रभावी और विश्वसनीय कार्रवाई करनी चाहिए.
भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बातचीत के दौरान कहा था कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं तथा उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात और बात करने में खुशी होगी. यहां के लोगों की मानसिकता बदल चुकी है. उन्होंने आगे कहा था कि मुंबई हमले के गुनाहगार हाफिज सईद पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है. जमात-उद-दावा प्रमुख पर पहले से ही शिकंजा कसा हुआ है.
गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने मंगलवार को तड़के नियंत्रण रेखा के दूसरी ओर पाकिस्तानी हिस्से में कई आतंकी शिविरों पर बमबारी की. सरकार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी गुट जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले के ठीक 12 दिन बाद की गई है.