मुंबईकरों की बढ़ सकती हैं मुसीबतें, आज रात 12 बजे से 4 लाख से अधिक ऑटो-रिक्शा चालाक हड़ताल पर, सरकार के सामने रखी ये मांगे
सोमवार रात से ऑटो-रिक्शा यूनियनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. आज रात से मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा सड़क पर नहीं उतरेंगे. ऑटो-रिक्शा वालों की मुख्य रूप से तीन मांगें हैं.
भारी बारिश और जल भराव की समस्या से परेशान मुंबईकरों की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. सोमवार रात से मुंबई के ऑटो रिक्शा चालक हड़ताल पर जा रहे हैं. सोमवार रात से ऑटो-रिक्शा यूनियनों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. आज रात से मुंबई के हजारों ऑटो रिक्शा सड़क पर नहीं उतरेंगे. दरअसल पिछले महीने 9 जून को विभिन्न यूनियनों द्वारा राज्य सरकार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का नोटिस सौंपा गया था. मुंबई के 2.12 लाख ऑटो रिक्शा चलाने वाले लगभग 4 लाख ड्राइवरों ने यूनियन के माध्यम से हड़ताल में शामिल होने की बात कही है.
ऑटो-रिक्शा वालों की मुख्य रूप से तीन मांगें हैं. ओला-उबर सर्विस पर रोक लगाना, किराए में बढ़ोतरी और अवैध ऑटो-रिक्शा वालों पर कार्रवाई. यूनियन ने स्पष्ट किया है कि ऐप बेस्ड टैक्सी वाले अगर सरकार द्वारा तय सभी नियमों का पालन करते हैं, तभी उन्हें सर्विस देने की मान्यता देनी चाहिए.
यूनियन की मांग है कि मुंबई में नए ऑटो परमिट बंद किए जाएं. ऑटो यूनियन की अन्य मांगों में 3 साल से अधिक समय से ऑटो चला रहे लोगों को बैज मुहैया कराना भी शामिल हैं. ऑटो यूनियन के अनुसार केवल मुंबई ही नहीं, पुणे, नासिक, नागपुर और औरंगाबाद भी हड़ताल में शामिल है.
रिक्शा चालकों की शिकायत है कि सरकार को नोटिस भेजने और बार-बार याद दिलाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. पिछले एक महीने से राज्य सरकार द्वारा यूनियन से संवाद स्थापित करने की कोशिश नहीं हुई है. सरकार द्वारा ऑटो-रिक्शा ड्राइवरों के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
यूनियन का कहना है कि मुंबईकरों को होने वाली परेशानी के लिए सरकार जिम्मेदार होगी. बता दें कि इस हड़ताल का आह्वान ऑटोरिक्शा मेंस यूनियन की तरफ से किया गया है. यह शहर की सबसे बड़ी ऑटो यूनियन है.