विपक्ष ने महंगाई एवं निजीकरण के मुद्दे पर सरकार को घेरा, भाजपा ने आत्मनिर्भर भारत की बात कही

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर सरकारी संपत्तियों को बेचने और पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस की बढ़ी कीमतों पर चुप्पी साधने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और राज्यों के हिस्से का राजस्व देने और आर्थिक विकास में सभी राज्यों को साझीदार बनाने की मांग की.

BJP | (Photo: PTI)

नयी दिल्ली, 18 मार्च : कांग्रेस (Congress) सहित विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार (Central Government) पर सरकारी संपत्तियों को बेचने और पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस की बढ़ी कीमतों पर चुप्पी साधने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और राज्यों के हिस्से का राजस्व देने और आर्थिक विकास में सभी राज्यों को साझीदार बनाने की मांग की. राकांपा ने जहां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से यह स्पष्ट करने को कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की कितनी हिस्सेदारी बेची जा रही है, वहीं शिवसेना ने कहा कि वित्त मंत्री को अपने जवाब में बताना चाहिए कि महंगाई को कम करने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? लोकसभा में ‘अनुदान की अनुपूरक मांगें- वर्ष 2020-21 के लिए दूसरे बैच’ पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने यह टिप्पणी की. सरकार की ओर से चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘‘ एलआईसी का निजीकरण नहीं किया जा रहा है. इसके लिये केवल प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने का प्रस्ताव किया गया है.’’ वहीं, भाजपा ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत ढांचा, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में बजट में पर्याप्त आवंटन किया है जिससे आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त हुआ है और भारत का दुनिया में कद बढ़ा है.

चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने यह भी कहा कि देश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘‘पंजाब कर संग्रह के मामले में शीर्ष राज्यों में है, लेकिन जब उसे राजस्व वापस दिए जाने की बात आती है तो वह नीचे के तीसरे-चौथे स्थान पर होता है.’’ गिल ने कहा, ‘‘पर्यटन को लेकर पूरा ध्यान नहीं दिया जा रहा है. मेरी मांग है कि धार्मिक पर्यटन पर भी ध्यान देने की जरूरत है.’’ उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि सीमा से लगे पंजाब, राजस्थान और गुजरात के जिलों में उद्योग लगाने के लिए कर पर छूट दी जाए ताकि इन क्षेत्रों के युवाओं का दूसरे राज्यों एवं अन्य देशों में जाने का सिलसिला रुके. उन्होंने सत्तापक्ष की ओर मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘पंजाब आपका बच्चा है. उसके साथ सौतेला व्यवहार छोड़िए. लंबे समय बाद किसी पार्टी (भाजपा) को इतना बड़ा बहुमत मिला है...मजबूत प्रधानमंत्री हैं. ऐसे में हमें क्यों पीछे छोड़ा जा रहा है? आप हम पर कृपा दृष्टि रखिए.’’ यह भी पढ़ें : Rajasthan: उप वन संरक्षक तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

सत्तापक्ष की तरफ से चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के तापिर गाव ने कहा, ‘‘कोविड की महामारी में सब डरे हुए थे. सबको लग रहा था कि इतनी बड़ी आबादी को कैसे बचाया जाए? हमें पता ही नहीं था कि पीपीई किट और मास्क क्या है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक साल के अंदर भारत पीपीई किट में आत्मनिर्भर बन गया और अब दूसरे देशों को भी निर्यात कर रहा है.’’ उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, आधारभूत ढांचा, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में बजट में पर्याप्त आवंटन किया गया है जिससे आत्मनिर्भर भारत (Self Dependent) का मार्ग प्रशस्त हुआ है और भारत का दुनिया में कद बढ़ा है. गाव ने यह भी कहा कि इस बार स्वास्थ्य के बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने मांग की कि पूर्वोत्तर के हर राज्य में एम्स की तरह अस्पताल बनाया जाना चाहिए. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि पूर्वोत्तर के हर प्रदेश में एक-एक उच्च न्यायालय का गठन करना चाहिए. चर्चा में हिस्सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने आरोप लगाया कि सरकार का व्यवहार ‘क्रूर’ है और वह (सरकार) देश की संपत्तियों को बेच रही है और पेट्रोल, डीजल तथा रसोई गैस के दाम कम करने पर चुप्पी साधे हुए है.

उन्होंने सवाल किया कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर प्रधानमंत्री क्यों चुप हैं? राय ने सरकार से मांग की कि तीनों कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग मान ली जाए, बजट में पेट्रोल-डीजल पर घोषित उपकर को वापस लिया जाए तथा एलपीजी सिलेंडर के के दाम कम किये जाएं.

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