Rules For Pharmacist: अब यूं ही कोई भी नहीं बेच सकता है दवाईयां, सरकार ने सख्त किए नियम, जानें क्या हैं नए निर्देश?
DCGI ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि रिटेल फार्मेसी या मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट फिजिकल तौर पर खुद मौजूद रहें और दवाइयां उनकी सीधी निगरानी में बेची जाएं. बिना सही और मान्य प्रिसक्रिप्शन के रिटेल मेडिकल की दुकानों से कोई प्रिसक्रिप्शन दवाई ना बेंची जाए.
Rules For Pharmacist: भारत के ड्रग नियामक DCGI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया को एक अहम खत लिखकर नए निर्देश दिए हैं. DCGI ने उनसे कहा है कि "रिटेल मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट खुद मौजूद रहे और दवाइयों की बिक्री उसकी सीधी निगरानी में हो. खत में डॉ राजीव सिंह रघुवंशी ने रिटेल फार्मेसी में फार्मेसी एक्ट, 1947 के सेक्शन 42 (a) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1945 के रूल्स 65 के क्रियान्वयन की बात कही है. COVID-19 Update: भारत में 126 दिन बाद कोरोना वायरस संक्रमण के 800 से अधिक मामले सामने आए, ये हैं नए निर्देश
DCGI ने कहा कि यह सुनिश्चित करें कि रिटेल फार्मेसी या मेडिकल स्टोर्स में फार्मासिस्ट फिजिकल तौर पर खुद मौजूद रहें और दवाइयां उनकी सीधी निगरानी में बेची जाएं. बिना सही और मान्य प्रिसक्रिप्शन के रिटेल मेडिकल की दुकानों से कोई प्रिसक्रिप्शन दवाई ना बेंची जाए.
इससे पहले पिछले महीने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत फार्मास्यूटिकल्स विभाग (डीओपी) ने फार्मास्यूटिकल्स के लिए पहली किश्त जारी की थी. पीएलआई योजना के तहत वित्तीय परिव्यय छह साल की अवधि में 15,000 करोड़ रुपए है. योजना के तहत अब तक 55 आवेदकों का चयन किया गया है, जिनमें 20 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) शामिल हैं.