नई दिल्ली: एनआरआई व्यक्ति (Non Resident Indian) अब भारत में टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं और इसके प्रीमियम भी दुनिया में सबसे कम होते हैं. वैसे तो यह एक अच्छी पहल है, लेकिन ऐसी कई बातें हैं जो एनआरआई व्यक्तियों को ऐसा प्लान खरीदते वक्त ध्यान में रखनी चाहिए. एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस (Exide Life Insurance) द्वारा कराए गए एक हालिया सर्वेक्षण में पता चला है कि लाइफ इंश्योरेंस एक ऐसा साधन है, जिसे लोग बीमा सुरक्षा में रहने के साथ ही एक सुरक्षा कवच बनाने के लिए सबसे अधिक प्राथमिकता देते हैं.
पॉलिसी बाजार डॉट कॉम के लाइफ इंश्योरेंश के चीफ बिजनेस आफिसर संतोष अग्रवाल यहां जानकारी दे रहे हैं कि कैसे एनआरआई भारत में लाइफ इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं. अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए भारतीय लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के कुछ बड़े फायदे होते हैं, क्योंकि ऐसे लोगों को मृत्यु लाभ (रेग्युलर टर्म प्लान) का तत्काल फायदा मिलता है. लाइफ इंश्योरेंस द्वारा ग्राहकों को एक कर मुक्त मृत्यु लाभ और संपत्ति निर्माण में सहायता भी की जाती है और यह उनके लिए अपनी वसीयत की योजना बनाने (होल लाइफ टर्म इंश्योरेंस) और अपने वारिस के लिए संपत्ति छोड़ जाने का एक उत्कृष्ट आर्थिक साधन भी बनता है.
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अच्छी बात यह है कि भारत में ऐसी कई प्रमुख लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां हैं जो एनआरआई व्यक्तियों को भी लाइफ इंश्योरेंस की पेशकश करती हैं. विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा) के तहत अनिवासी भारतीय के साथ ही भारतीय मूल के लोगों को भी भारत में एक लाइफ इंश्योरेंस प्लान खरीदने की अनुमति दी गई है. यह लोग - चाहे भारत में रहते हों या नहीं - खुद को और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा करने की अपनी जरूरतों के अनुसार कोई भी प्लान खरीदने के लिए स्वतंत्र हैं.
लाइफ इंश्योरेंस कवर के प्रीमियम के भुगतान की बात आने पर ऐसे व्यक्ति एक एनआरओ बैंक अकाउंट या एनआरई/एफसीएनआर बैंक अकाउंट के जरिये या फिर विदेशी मुद्रा में भुगतान का विकल्प चुन सकते हैं. अगर आप विदेशी मुद्रा में भुगतान कर रहे हैं, तो पहले यह पता कर लें कि आपकी पॉलिसी किस मुद्रा में जारी की गई थी. भारत में टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए एक एनआरआई व्यक्ति को अपने निवास के देश में मेडिकल परीक्षण कराना होगा और इसकी रिपोर्ट भारत में मौजूद बीमा कंपनी को भेजनी होगी. इन रिपोर्ट्स की जांच करने के बाद बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसी जारी करने और प्रीमियम राशि के बारे में अंतिम फैसला किया जाता है.
कुछ बीमा कंपनियां टर्म पॉलिसी जारी करने के लिए एनआरआई ग्राहकों को टेली-मेडिकल से गुजरने की अनुमति भी प्रदान करती हैं. इस प्रक्रिया में एनआरआई ग्राहक को फोन कॉल पर कुछ निश्चित सवाल पूछे जाते हैं और उसके आधार पर पॉलिसी जारी कर दी जाती है.
अगर किसी एनआरआई ने भारत की एक बीमा कंपनी से एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदी है, तो इस पॉलिसी के लिए बीमित व्यक्ति की मृत्यु को कवर करना अनिवार्य होगा, फिर चाहे यह घटना किसी भी देश में हो. पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर उसके लाभार्थियों को भुगतान किया जाने वाला मृत्यु लाभ पॉलिसी दस्तावेज में उल्लेखित मुद्रा में होगा, यानी कि या तो भारतीय रुपये में या फिर किसी अन्य विदेशी मुद्रा में. मृत्यु दावा करने के लिए पॉलिसी के नॉमिनी को पॉलिसी शर्तों के अनुसार सभी दस्तावेज जमा करने होंगे.
गौरतलब है कि आवश्यक दस्तावेजों की सूची हर बीमा कंपनी के लिए अलग हो सकती है. दावा करने के लिए अनिवार्य कुछ आम दस्तावेजों में - पॉलिसी की कॉपी, बीमित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र, नॉमिनी का पहचान प्रमाण समेत अन्य शामिल हैं. सबसे जरूरी बात यह है कि अगर बीमित व्यक्ति की मौत किसी दूसरे देश में होती है, तो उसके नॉमिनी को संबंधित देश के भारतीय दूतावास से औपचारिक रूप से मृत्यु प्रमाण पत्र सत्यापित करा कर जमा करना होगा.