लखनऊ, 26 नवंबर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiyanath) ने कहा कि शादी विवाह के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है. अगर कहीं से भी पुलिस के दुर्व्यवहार की शिकायत आई तो अफसरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, "वैवाहिक समारोह का आयोजन केवल सूचना देने के साथ कोविड प्रोटोकाल और गाइडलाइन के सभी निर्देशों का पालन करते हुए कर सकते हैं. इसमें भी शामिल होने वाले सौ लोगों की संख्या में बैंड पार्टी तथा डीजे के साथ ही काम करने वाले अन्य लोग शामिल नहीं हैं. वैवाहिक या किसी भी मांगलिक कार्यक्रम के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं है. इसके साथ ही इस प्रकार के किसी भी मामले में अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होगी."
मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों से स्पष्ट कहा कि, "कोरोना की आड़ में लोगों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अधिकारी लोगों को जागरुक करें और गाइडलाइन के पालन के लिए प्रोत्साहित करें." उन्होंने कहा कि बैंड व डीजे बजाने से रोकने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई होगी. बता दें कि 23 नवंबर को जारी की गई गाइडलाइन में शादी-विवाह, धर्म-कर्म आदि सामूहिक गतिविधियों में लोगों की अधिकतम संख्या तय कर दी गई है. यह भी पढ़े: उत्तर प्रदेश में COVID-19 की बढ़ती संख्या को लेकर सीएम योगी का फैसला, शादी समारोह व सामूहिक आयोजनों में सिर्फ 100 लोग हो सकेंगे शामिल.
मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी स्वयं शादीस्थल जाकर निरीक्षण करें या फिर अधिनस्थ अधिकारी को भेजकर आदेश का सख्ती से पालन करवाएं. किसी भी शादी में सौ से ज्यादा मेहमान होने पर जुर्माना लगाकर कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री का बेहद सख्त निर्देश है कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त न की जाए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार कन्टेनमेंट जोन के बाहर समस्त सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों एवं अन्य सामूहिक गतिविधियों में एक समय में किसी भी बन्द स्थान जैसे हॉल या कमरे की निर्धारित क्षमता के 50 प्रतिशत, किंतु अधिकतम 100 लोग ही मौजूद होंगे.
कार्यक्रमों में फेस मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग, थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर एवं हैंडवॉश की व्यवस्था अनिवार्य होगी. यही नहीं, खुले स्थान जैसे मैदान आदि पर, ऐसे स्थानों के क्षेत्रफल के 40 प्रतिशत से कम क्षमता तक ही लोगों के होने की अनुमति होगी. हालांकि, गुरुवार को जारी किए गए निर्देशों में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि समारोह के लिए किसी प्रशासनिक अनुमति की जरूरत नहीं होगी.