Bihar Politics: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने मंगलवार को कहा कि जब बिहार बाढ़ और सूखे की दोहरी मार झेल रहा है, तब नीतीश कुमार (Nitish Kumar) केवल सुर्खियों में रहने के लिए दिल्ली के राजनीतिक पर्यटन पर हैं. मोदी ने कहा कि 1960 के दशक में डा. लोहिया और 1974-77 के बीच जेपी ने जिस कांग्रेस के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी, उसके नेतृत्व की सबसे नकारा पीढ़ी के आगे लालू प्रसाद के बाद नीतीश कुमार का नतमस्तक होना अत्यंत दुखद है:
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उन दलों को कांग्रेस के साथ लाने के असम्भव अभियान ( मिशन इम्पॉसिबल) पर हैं, जो विभिन्न राज्यों में कांग्रेस से लड़ कर ही सत्ता में हैं। केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली इसके प्रमाण हैं, मोदी ने कहा नीतीश कुमार का पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा से मिलना इस बात का संकेत है कि वे केंद्र में अस्थिर और कमजोर सरकारों वाला दौर लौटा कर देश के पुराने शत्रुओं की मदद करना चाहते हैं. यह भी पढ़े: Bihar Politics: सुशिल मोदी ने खोला नीतीश कुमार का बड़ा राज, बताया क्यों JDU नेता ने छोड़ा बीजेपी का साथ
उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में देवगौड़ा-गुजराल सहित 6 प्रधानमंत्री हुए थे. नीतीश कुमार उस दौर से बाहर नहीं निकल पाए, जबकि 2014 के बाद देश बहुत आगे निकल चुका है.
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार उस कांग्रेस से मिल रहे हैं, जो केवल दो राज्यों में सिमट चुकी है। वे उन वाम दलों को भी जोड़ना चाहते हैं, जिनका वजूद खत्म हो रहा है. मोदी ने कहा कि जदयू का नीतीश कुमार को राष्ट्रीय राजनीति में भेजना एक मनोरंजक प्रयोग है.