नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस में शनिवार को दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है. राष्ट्रपति इससे पहले दोषी मुकेश की दया याचिका कर चुके हैं. दोषी मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी. जिसके बाद दोषी विनय ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी. अब केवल अक्षय सिंह और पवन गुप्ता के पास दया याचिका का विकल्प बाकी है. इन दोनों दोषियों के पास अभी क्यूरेटिव पिटीशन का भी विकल्प बाकी है. इससे पहले शुक्रवार को निर्भया गैंगरेप के दोषियों को शनिवार सुबह 1 फरवरी को होने वाली फांसी टाल दी गई. पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वॉरंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.
दोषियों की तरफ से याचिका में कहा गया कि अब तक कुछ दोषियों ने सारे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल नहीं किया है. इसलिए यह फांसी स्थगित की जानकी होनी चाहिए. वहीं शनिवार को दोषी पवन की नाबालिक होने की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन को नाबालिक मानने से इनकार कर दिया. याचिका में कहा गया था कि अपराध के समय दोषी पवन नाबालिक था.
दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज-
2012 Delhi gang-rape case: The President of India rejects mercy plea of convict Vinay Sharma pic.twitter.com/SDzNrEiYxk
— ANI (@ANI) February 1, 2020
शुकवार को डेथ वारेंट पर रोक लगने के बाद निर्भया की वकील सीमा ने कहा कि सभी दोषियों सालों से लगातार इस मामले को लंबा खींचने की कोशिश कर रहे हैं. जब तक पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में डेथ वारंट जारी नहीं कर दिया इन लोगों में किसी ने कोई याचिका नहीं लगाई. निर्भया की मां आशा देवी ने यह भी कहा." फ़ांसी टलने से ज्यादा तकलीफ इस बात से है कि दोषियों के वकील ने चुनौती देकर फांसी को अनंत काल तक टालने के लिए कहा. "
बता दें कि निर्भया गैंगरेप केस में दोषी पवन, मुकेश, अक्षय और विनय शर्मा की फांसी के लिए दो बार डेथ वॉरंट जारी हो चुका है. पहले वॉरंट में यह तारीख 22 जनवरी तय की गई थी. दूसरे वॉरंट में फांसी की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर की गई थी. दोषियों की फांसी के लिए अब नया डेथ वॉरंट जारी करना होगा.