केरल: निपाह वायरस से एक और मौत, सार्वजनिक सभाओं पर बंदी
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कोझिकोड: निपाह वायरस (एनआईपी) से गुरुवार की सुबह एक और मरीज की मौत के बाद केरल में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है. एक निजी अस्पताल ने मूसा नाम के मरीज की मौत की पुष्टि की. इस अस्पताल में मूसा का इलाज चल रहा था. इस महीने की शुरुआत में उनके दो बेटों और एक रिश्तेदार का भी निधन हो गया था. यह लोग निपाह की चपेट में आने वाले पहले लोगों में शामिल हैं जिसकी पिछले हफ्ते सूचना दी गई थी. इस बीच एनआईपी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आई है लेकिन कोझीकोड के आयुक्त यू.वी.जोस ने 31 मई तक सभी सार्वजनिक सभाओं, ट्यूशन कक्षाओं सहित सभी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों पर रोक लगा दी है. यह कदम लोगों को भीड़ व समूह में एक-दूसरे के संपर्क में आने से रोकने के लिए उठाया गया है.

स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को कहा कि पुणे में परीक्षण के लिए कुल 160 नमूने भेजे गए हैं. इसमें से 22 के परिणाम आए हैं, जिसमें से 14 में वायरस के होने की पुष्टि की गई है. इस बीच अधिकारियों ने एनआईपी पीड़ितों के अंतिम संस्कार के लिए एक प्रोटोकॉल जारी किया है.

वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दाह संस्कार को सबसे बेहतर बताया गया है, लेकिन यदि परिवार दफनाने का विकल्प चुनते हैं तो शव को एक पॉलीथीन बैग से ढका जाना होगा और फिर बहुत गहरे गड्ढे में दफनाना होगा. कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में 136 मरीज और पास के मलप्पुरम जिले 24 मरीज हैं, जिन्हें निगरानी में रखा गया है.

एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में मेडिकल पेशेवरों व स्वास्थ्य विशेषज्ञों को तैनात किया है. इसके अलावा निजी क्षेत्र भी कोझिकोड व मलप्पुरम में काम कर रहा है. साथ ही जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

कोझिकोड के अधिकारियों ने दो कर्मचारियों पर सरकारी शवदाह गृह में दाहसंस्कार में सहयोग नहीं करने के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है. एनआईवी का संचरण संक्रमित चमगादड़, सूअरों व दूसरे एनआईवी संक्रमित व्यक्तियों से सीधे संपर्क से होता है.