CM Siddaramaiah Vows To Scrap NEP In Karnataka: अगले शैक्षणिक वर्ष से कर्नाटक में एनईपी को खत्म कर दिया जाएगा- सिद्दारमैया
Siddaramaiah (Photo Credits ANI)

बेंगलुरु, 14 अगस्त: कांग्रेस शासित कर्नाटक की सरकार ने सोमवार को घोषणा की कि वह अगले शैक्षणिक वर्ष से पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को खत्म कर देगी पार्टी सदस्यों की आम बैठक का उद्घाटन करने के बाद केपीसीसी कार्यालय में बोलते हुए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने घोषणा की, “पिछली भाजपा सरकार द्वारा लागू की गई एनईपी को अगले शैक्षणिक वर्ष से खत्म कर दिया जाएगा. यह भी पढ़े: CM Siddaramaiah Visits Communally-Sensitive Coastal Districts: सीएम सिद्दारमैया ने तटीय जिलों का किया दौरा, मोरल पुलिसिंग पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

उन्‍होंने कहा, “एनईपी को खत्म करने से पहले कुछ आवश्यक तैयारी करनी होगी चालू शैक्षणिक वर्ष में इसके लिए समय उपलब्ध नहीं था चुनाव के बाद जब सरकार बनी तो शैक्षणिक वर्ष शुरू हो गया था उन्होंने कहा कि एनईपी को अचानक खत्म करने की स्थिति में छात्रों को होने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए एनईपी इस शैक्षणिक वर्ष में जारी रहेगी.

सीएम सिद्दारमैया ने आरोप लगाया, "एनईपी को छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और व्याख्याताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है भाजपा ने राज्य में एनईपी को प्रयोगात्मक आधार पर लागू करके राज्‍य के छात्रों के हितों का बलिदान कर दिया है सभी राज्यों में इसे लागू नहीं किया गया है.

उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने घोषणा की थी कि कांग्रेस राज्य में एनईपी लागू नहीं करेगी उन्होंने कहा था कि इसकी बजाय सरकार एक नई शिक्षा नीति बनाएगी शिवकुमार ने नागपुर में मुख्‍यालय वाले आरएसएस से जोड़ते हुए एनईपी को 'नागपुर शिक्षा नीति' भी करार दिया था.

शिवकुमार ने कहा, “एनईपी पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए थी मैं अपनी पसंद से एक शिक्षा विशेषज्ञ हूं मैं शिक्षा संस्थान चलाता हूं तथा विभिन्न संस्थाओं में ट्रस्टी अथवा अध्यक्ष के पद पर हूं मैं एनईपी को समझ नहीं पा रहा हूं मैंने दो-तीन बार अध्ययन करने और समझने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा शिवकुमार ने कहा कि छात्रों और शिक्षकों के साथ चर्चा के बाद भी एनईपी का सार समझ में नहीं आ रहा है.

मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आरोप लगाया था कि एनईपी का उद्देश्य छात्रों को सांप्रदायिक बातें सिखाना है उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति राज्य के अधिकारों का उल्लंघन करती है पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस पर टिप्‍पणी करते हुए कहा था, “कर्नाटक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में लगभग तीन साल लग गए यू.आर. राव की अध्यक्षता वाली समिति बनी सभी राज्यों से सहमति प्राप्त की गई इसके बाद, कार्यान्वयन से पहले, एक टास्क फोर्स का गठन किया गया और फिर इसे उच्च और प्राथमिक शिक्षा में लागू किया गया.