नई दिल्ली, 14 सितंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में तीन लाख करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी है. सरकार ने कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को सुविधाजनक बनाने के लिए बुनियादी ढांचे में 15 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है. पीएम मोदी ने 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है. पिछले महीने के अंत में, पीएम मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर जिले में 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली मेगा वधवन पोर्ट परियोजना और कई अन्य विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी.
मुंबई से बमुश्किल 150 किलोमीटर दूर दहानू कस्बे के पास स्थित वधवन बंदरगाह देश के सबसे बड़े गहरे पानी के बंदरगाहों में से एक होगा और केंद्र के बंदरगाह-आधारित अर्थव्यवस्था दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा. यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में बड़े बंदरगाहों को महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनाने की परिकल्पना करता है. इसके पूरा होने पर, इससे देश में 12 लाख नौकरियां और लगभग 1 करोड़ अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी के तीन ऐतिहासिक फैसलों से दलहन, चावल और प्याज के किसानों को मिलेंगी ज्यादा कीमतें: शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय बजट में राजमार्गों, बंदरगाहों, रेलवे और बिजली संयंत्रों सहित बुनियादी ढांचे के क्षेत्र के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, और विकास को गति देने और अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए अगले पांच वर्षों तक इस योजना को जारी रखने की योजना है. सरकार ने अगले दशक में बंदरगाह क्षमता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अपने ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ के तहत बड़े पूंजीगत व्यय की योजना बनाई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे कुछ क्लस्टरों में आपूर्ति-मांग में असंतुलन पैदा हो सकता है. इसके परिणामस्वरूप बंदरगाहों के लिए प्रतिस्पर्धा और मूल्य निर्धारण दबाव बढ़ सकता है.
बाजार विश्लेषकों को उम्मीद है कि भारत सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ाकर सड़क क्षेत्र में निवेश पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगी. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) का इस क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन पिछले एक दशक में 8 गुना से अधिक बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 2.7 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो 22 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है.
हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में अगले 3-4 वर्षों में लगभग 60 हजार करोड़ रुपये निवेश की उम्मीद है. इससे भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के तहत नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे, ब्राउनफील्ड विकास और हवाई अड्डे का विस्तार होगा. वित्त वर्ष 2024 में, 21 हवाईअड्डों पर नए टर्मिनल भवनों का संचालन किया गया. इससे प्रति वर्ष लगभग 62 मिलियन यात्री हैंडलिंग क्षमता में वृद्धि हुई सरकार के बड़े बुनियादी ढांचे के अभियान पर सवार होकर, देश में निर्माण क्षेत्र में वित्त वर्ष 2025 में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है.