Attack On Police: औरंगाबाद में दो समूहों के बीच झड़प, 500 लोगों की भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, फेंका पेट्रोल बम

करीब 500 लोगों की भीड़ ने पथराव किया और पेट्रोल से भरी की बोतलें फेंकी, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

(Photo Credit : Twitter)

औरंगाबाद, 30 मार्च: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद जब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो करीब 500 लोगों की भीड़ ने पथराव किया और पेट्रोल से भरी की बोतलें फेंकी, जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 12 लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.

अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात को जिले के किराडपुरा इलाके में हुई, जहां एक प्रसिद्ध राम मंदिर है. गौरतलब है कि देश भर में बृहस्पतिवार को रामनवमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस घटना में बदमाशों ने 13 वाहनों को आग के हवाले कर दिया. Ruckus in Howrah: हावड़ा में रामनवमी जुलूस को बवाल, पथराव-आगजनी के बाद इलाके में तनाव, घटना पर CM ममता ने दिया बड़ा बयान

अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और कुछ प्लास्टिक की गोलियां चलाईं. उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आठ टीम का गठन किया गया है. स्थिति अब नियंत्रण में है और पूरे औरंगाबाद में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.

औरंगाबाद को अब छत्रपति संभाजीनगर कहा जाता है. औरंगाबाद के पुलिस आयुक्त निखिल गुप्ता ने मराठी समाचार चैनल 'एबीपी माझा' से कहा, ‘‘यह मामला दो समूहों के बीच झड़प के साथ शुरू हुआ. प्रत्येक समूह में लगभग पांच व्यक्ति शामिल थे. दोनों समूह राम मंदिर के पास आपस में भिड़ गए. कुछ देर बाद एक गुट वहां से चला गया और पुलिस जल्द ही मौके पर पहुंच गई. करीब एक घंटे बाद वहां भीड़ जमा हो गई और वे अपने साथ पत्थर और पेट्रोल की बोतलें लेकर आए और उसे पुलिसकर्मियों पर फेंका. ’’

उन्होंने कहा कि इलाके की स्ट्रीट लाइट भी बदमाशों ने खराब कर दी थी, इसलिए इलाके में अंधेरा था.

पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘ भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हमें अतिरिक्त बल प्रयोग करना पड़ा. उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और पेट्रोल से भरी बोतलें फेंकने के अलावा राम मंदिर के पास पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने इस मामले में कुछ प्लास्टिक की गोलियां चलाईं और बड़े पैमाने पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने बदमाशों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए आठ टीम का गठन किया है. हमें अतिरिक्त बल भी मिला है, जो अब शांति बनाए रखने के लिए शहर में तैनात है. प्रशासन शांति बनाए रखने को लेकर सर्वदलीय बैठक करेगा. ’’ पुलिस उपायुक्त शिलवंत नांदेड़कर ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि जिंसी थाने में 400 से 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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