Madhya Pradesh: इंद्रदेवता को प्रसन्न करने के लिए नाबालिग लड़कियों से निर्वस्त्र परेड करवाने का मामला, जांच शुरू
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

भोपाल: मध्य प्रदेश  (Madhya Pradesh) के दमोह जिले में इंद्रदेवता को खुश करने के लिए मासूम बालिकाओं (Minore Girls) से निर्वस्त्र परेड करा डालने का मामला सामने आया है. इस मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है. मिली जानकारी के अनुसार मामला जबेरा विकासखंड के बनिया गांव का है. बुंदेलखंड के कई इलाकों में इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के टोने और टोटके किए जाते हैं. उन्हीं में से एक टोटका है कि अगर बालिकाएं निर्वस्त्र होकर देवी की पूजा करें तो इंद्रदेवता प्रसन्न हो जाते हैं, और बारिश होती है. इसी के तहत बीते दिनों आदिवासी बाहुल्य गांव के तालाब में स्नान कर रही छह मासूम बालिकाओं को खेरमाई के मंदिर में लाकर गोबर से लिपाई पुताई कराई गई और उन्हें निर्वस्त्र किया गया. यह भी पढ़े: UP: नेता और गुंडों ने सब्जी विक्रेता को बेरहमी से पिटा, सिर मुंडवाकर, मुंह काला कर, चप्पलों की माला पहनाकर निकाली परेड

मासूम बालिकाओं से अनुष्ठान कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसी आधार पर जिला प्रशासन को भी इस घटनादमेाह, 7 सितंबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के दमोह जिले में इंद्रदेवता को खुश करने के लिए मासूम बालिकाओं से निर्वस्त्र परेड करा डालने का मामला सामने आया है। इस मामले को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गंभीर मानते हुए जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। मिली जानकारी के अनुसार मामला जबेरा विकासखंड के बनिया गांव का है। बुंदेलखंड के कई इलाकों में इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के टोने और टोटके किए जाते हैं। उन्हीं में से एक टोटका है कि अगर बालिकाएं निर्वस्त्र होकर देवी की पूजा करें तो इंद्रदेवता प्रसन्न हो जाते हैं, और बारिश होती है. इसी के तहत बीते दिनों आदिवासी बाहुल्य गांव के तालाब में स्नान कर रही छह मासूम बालिकाओं को खेरमाई के मंदिर में लाकर गोबर से लिपाई पुताई कराई गई और उन्हें निर्वस्त्र किया गया.

मासूम बालिकाओं से अनुष्ठान कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसी आधार पर जिला प्रशासन को भी इस घटनाक्रम की जानकारी हुई। पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार ने आईएएनएस को बताया है कि मंदिर के नजदीक के तालाब में कुछ बालिकाएं स्नान कर देवस्थान पर गोबर लीपने के लिए बुलाया गया। मासूम बालिकाओं से मूर्ति की गोबर से लिपाई कराई गई. इसके साथ मेढक को लकड़ी से बांधकर बालिकाएं निकली, साथ ही महिलाओं ने गीत गए. इस मामले की जांच की जा रही है.

पुलिस अधीक्षक के अनुसार, जिन बालिकाओं से अनुष्ठान कराया गया, वे महज पांच से छह साल की हैं, इस मौके पर सिर्फ महिलाएं ही मौजूद थीं, कोई भी पुरुष नहीं था. वहीं इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दमोह जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.

दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस संबंध में एनसीपीसीआर को एक रिपोर्ट सौंपेगा. क्रम की जानकारी हुई। पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार ने आईएएनएस को बताया है कि मंदिर के नजदीक के तालाब में कुछ बालिकाएं स्नान कर देवस्थान पर गोबर लीपने के लिए बुलाया गया। मासूम बालिकाओं से मूर्ति की गोबर से लिपाई कराई गई। इसके साथ मेढक को लकड़ी से बांधकर बालिकाएं निकली, साथ ही महिलाओं ने गीत गए. इस मामले की जांच की जा रही है.

पुलिस अधीक्षक के अनुसार, जिन बालिकाओं से अनुष्ठान कराया गया, वे महज पांच से छह साल की हैं, इस मौके पर सिर्फ महिलाएं ही मौजूद थीं, कोई भी पुरुष नहीं था. वहीं इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने दमोह जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. दमोह कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने कहा कि स्थानीय प्रशासन इस संबंध में एनसीपीसीआर को एक रिपोर्ट सौंपेगा.