कावड़ यात्रा के लिए गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, बताया रेडिकल एलिमेंट्स से खतरा

सावन का पावन महीना शुरू होते ही कांवड़ यात्रा भी शुरू हो गई है. इस बीच कावड़ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. इंटीलिजेंस ब्यूरो की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर यह एडवाइजरी जारी की गई है.

कावड़ यात्रा के लिए गृह मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी, बताया रेडिकल एलिमेंट्स से खतरा
कावड़ यात्रा (Photo Credit: PTI)

नई दिल्ली: सावन का पावन महीना शुरू होते ही गुरुवार से कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) भी शुरू हो गई है. इस बीच कावड़ यात्रा को लेकर गृह मंत्रालय (MHA) ने एडवाइजरी जारी की है. इंटीलिजेंस ब्यूरो की थ्रेट रिपोर्ट के आधार पर यह एडवाइजरी जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार कावड़ यात्रा में रेडिकल एलिमेंट्स से खतरे का अंदेशा है, इसलिए राज्य सरकारों को सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. सावन आते ही कांवड़ियों का बड़ी संख्या में हरिद्वार पहुंचने का सिलसिला शुरू. 

गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों सरकारों को भेजी गई एडवाइजरी में कांवड़ यात्रा में किसी भी खतरे से निपटने के लिए अधिक संख्या में पुलिस बल तैनात किये जाने के निर्देश दिए गए हैं. इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के इनपुट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों के लिए कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है.

रेलवे बोर्ड को भी खतरे को देखते हुए ट्रेनों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं. एडवाइजरी के मुताबिक कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किए जाने चाहिए.

बता दें कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गुरुवार को हिंदू महीने श्रावण के पहले दिन कावड़ यात्रा शुरू हो गई है, जिसमें भगवान शिव के भक्त बड़ी संख्या में गंगा का पानी लेने हरिद्वार पहुंचे.

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद कांवड़ यात्रा हो रही है. अधिकारियों का अनुमान है कि करीब एक पखवाड़े तक चलने वाले मेले के दौरान कम से कम चार करोड़ कांवड़िये हरिद्वार और पड़ोसी ऋषिकेश में पवित्र नदी का पानी लेने पहुंचेंगे.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान सहित कई राज्यों के कांवड़िये हरिद्वार और ऋषिकेश जाते हैं. कावड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव के भक्त दूर-दूर से गंगाजल लेने के लिए नदी के किनारों पर आते हैं और उस जल को मंदिरों में चढ़ाते हैं. कांवड़ियों का आवागमन श्रावण मास के हर सोमवार को बढ़ जाता है.


संबंधित खबरें

Sonia Gandhi ने ईरान के समर्थन में लिखा लेख, इजरायली राजदूत Reuven Azar ने जताई नाराजगी; कहा, नेताओं को होनी चाहिए सही जानकारी

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे में DNA मिलान का काम हुआ पूरा, परिजनों को सौंपे गए 245 शव

VIDEO: सीरिया के Damascus में आत्मघाती हमला, Mar Elias चर्च में हमलावर ने खुद को उड़ाया; 30 से ज्यादा लोग हताहत

Kal Ka Mausam, 23 June 2025: मध्यप्रदेश-पूर्वोत्तर में भारी बारिश का खतरा, उत्तराखंड-हिमाचल में भी अलर्ट जारी; जानें कैसा रहेगा कल का मौसम

\