Mayawati on Amit Shah: गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी को लेकर बसपा मुखिया मायावती ने किया 24 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन का ऐलान

संसद में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद शुरू हुई विपक्षी दलों की सियासत ने अब तेजी पकड़ ली है. इसे लेकर बसपा मुखिया मायावती ने अब आंदोलन का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा.

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लखनऊ, 21 दिसंबर : संसद में बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद शुरू हुई विपक्षी दलों की सियासत ने अब तेजी पकड़ ली है. इसे लेकर बसपा मुखिया मायावती ने अब आंदोलन का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि 24 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा.

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि देश के दलित, वंचित व अन्य उपेक्षितों के आत्मसम्मान व मानवीय हकूक के लिए अति-मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान के रूप में असली ग्रंथ के रचयिता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर भगवान की तरह परमपूजनीय हैं. उनका अमित शाह द्वारा किया गया अनादर लोगों के दिलों को आहत पहुंचाता है. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना, भविष्य की साझेदारी का खाका तैयार होने की उम्मीद

उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे महापुरुष को लेकर संसद में इनके द्वारा कहे गए शब्दों से पूरे देश में सर्व समाज के लोग काफी उद्वेलित, आक्रोशित व आंदोलित हैं. अम्बेडकरवादी बीएसपी ने इस क्रम में उनसे बयान वापस लेने व पश्चाताप करने की मांग की है, जिसपर अभी तक भी अमल नहीं किया जा रहा है.

मायावती ने कहा कि ऐसे में मांग न पूरी होने पर फिर पूरे देश में आवाज उठाने की बात बीएसपी द्वारा की गई. इसलिए अब पार्टी ने अपनी इस मांग के समर्थन में 24 दिसंबर 2024 को देशव्यापी आन्दोलन करने का फैसला लिया है. उस दिन देश के सभी जिला मुख्यालयों पर पूर्णतः शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाएगा.

उन्होंने आगे लिखा कि दलित/बहुजनों को अपने पैरों पर खड़े होकर आत्म-सम्मान के साथ जीने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष व आरक्षण सहित उनको अनेकों कानूनी हक दिलाने वाले उनके सच्चे मसीहा बाबा साहेब के नहीं रहने पर उनके अनुयायियों का हित व कल्याण ही उनका सबसे बड़ा सम्मान है, जिसके लिए बीएसपी समर्पित है. मायावती ने कहा कि अतः कांग्रेस, भाजपा आदि पार्टियां अगर बाबासाहेब का दिल से आदर-सम्मान नहीं कर सकती हैं तो उनका अनादर भी न करें. बाबासाहेब के कारण एससी, एसटी एवं ओबीसी वर्गों को जिस दिन संविधान में कानूनी अधिकार मिले उसी दिन उन्हें सात जन्मों का स्वर्ग भी मिल गया है.

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