महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा: असदुद्दीन ओवैसी ने कहा राज्य में हो रहा है खेल, समर्थन पर बोले- पहले निकाह तो होने दीजिए
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान ( फोटो क्रेडिट- PTI )

महाराष्ट्र ( Maharashtra) में सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने तंज कसते हुए कहा कि वह किसी भी ऐसे गठबंधन को समर्थन नहीं देंगे जिसमें बीजेपी (BJP)और शिवसेना ( Shiv Sena) शामिल होंगे. इस दौरान सवाल पूछे जाने पर कि अगर महाराष्ट्र में एनसीपी का चीफ मिनिस्टर होगा तो आपका क्या स्टैंड होगा. उन्होंने कहा कि पहले निकाह होगा, उसके बाद सोचेंगे की बेटा हो या बेटी, अभी तो निकाह ही नहीं हुआ है. यह सब एक खेल हो रहा है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि बीजेपी और शिवसेना राम और श्याम की जोड़ी हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना को जनता ने चुना है लेकिन अगर दोनों मिलकर सरकार न बना सकें तो मैं क्या करूं.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी के दो विधायक शिवसेना-कांग्रेस सरकार का समर्थन नहीं करेंगे. इसके लिए जल्द ही महाराष्ट्र के राज्यपाल को पत्र भेजा जाएगा. वहीं सूबे में किसकी सरकार बनेगी. इसे लेकर सस्पेंस का दौर अब भी बरकार है. इसी बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार से बात की है. अहमद पटेल, वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई में शरद पवार से इस मामले में मुलाकात करेंगे. यह भी पढ़ें:- महाराष्ट्र में सियासी घमासान तेज, सस्पेंस के बीच लीलावती हॉस्पिटल में बीजेपी नेता आशीष शेलार ने संजय राउत से की मुलाकात

 बता दें कि शिवसेना जहां एक ओर महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए तैयार बैठी दिखाई दे रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी शिवसेना को समर्थन देने जा रही है या नहीं, इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इस बीच नेताओं के अलग-अलग बयान इस मामले को नया मोड़ दे रहे हैं. एक तरफ जहां छगन भुजबल बोल रहे हैं कि सेना-एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाएगी. वहीं कांग्रेस की तरफ उनका रुख नहीं साफ हो पा रहा है. क्योंकि सोनिया गांधी की तरफ से अभी तक कोई अधिकारिक बयान खुले मंच पर नहीं आया है. वैसे इससे पहले, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सरकार को समर्थन देने के बारे में सोनिया गांधी से फोन पर बात की थी.

शिवसेना ने सोमवार को दावा किया था कि महाराष्ट्र में भाजपा के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए राकांपा और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया.